दो कविताएं / आज की किशोरियां कल का भविष्य

दो कविताएं / आज की किशोरियां कल का भविष्य

प्रेषित समय :19:44:56 PM / Fri, Jun 9th, 2023

उषा
कक्षा -12
रोलियाना, उत्तराखंड

आज की किशोरियां कल का भविष्य हैं।
तभी देश का अस्तित्व है।।
इनकी छुटाओ न तुम शिक्षा।
पूरी होगी इनकी हर इच्छा।
हर घर को संभाल सकती हैं।।
ये किशोरियां हैं आत्मनिर्भर।
न बांधों तुम इनके हाथो में बेड़ियां।।
सिमित नही रहें ये सुसराल तक।
शिक्षा पाना इनका हक है।।

मेरे सपनो की दुनिया

सरोज  
चोरा, कपकोट
बागेश्वर, उत्तराखंड

मेरे सपने कुछ ऐसे थे।
जिनको मैं पूरा करना चाहती थी।।
मगर वो सपने पूरे न हो सके।
मेरे सपने अधूरे रह गए।।
सपने देख देख कर थक गई।
मगर पूरा न कर सकी।।
जिंदगी में कुछ करने का था।
पर उसमें हुई रोक।।
दुनिया में ऐसे लोग।
जो सपने पर लगाते रोक।।
ताने सुन सुन कर मैं थक गई।
फिर भी सपने दूर न कर सकी।।
मेरे सपने भी कुछ ऐसे थे।
जिनको पूरा करना चाहती थी।।

चरखा फीचर

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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