जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में एनजीओ की मदद से पुलिस ने बाल मजदूरी का बड़ा खुलासा किया है. कुल 22 बच्चों को मुक्त करवाया गया है. ये एक छोटे-से कमरे (10गुणित10) में एक साल से काम कर रहे थे. रेस्क्यू किए गए बच्चों की उम्र 9 से 16 साल तक है. इन बच्चों को आरोपी शहनवाज उर्फ गुड्डू 500-500 रुपए एडवांस देकर लाया था.
शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि बच्चों से सुबह 6 से रात 12 बजे तक काम करवाया जा रहा था. अगर किसी बच्चे की तबीयत खराब होती तो उसे आरोपी शहनवाज लोहे की रॉड से पीटता था. उनसे जबरदस्ती काम करवाता. पुलिस रेड की जानकारी मिलने पर आरोपी पत्नी के साथ मौके से भाग गया, लेकिन मौके पर अपने चार बच्चों को छोड़ गया. घटना जयपुर के भट्टा बस्ती थाना इलाके की है.
8 एजेंसियों ने की थी रेड
बचपन बचाओ आंदोलन संस्था को इन बच्चों के बारे में जानकारी मिली थी. जिस घर में बच्चों से बाल मजदूरी कराई जाती थी. उस घर में पिछले एक माह से बच्चों की पिटाई और रोने की आवाज आ रही थी. इस पर कॉलोनी के लोगों ने ही बचपन बचाओ आंदोलन को इसकी जानकारी दी. बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के साथ चाइल्डलाइन, प्रयास संस्था, बाल विकास धारा, डीसीपीयू, बाल कल्याण समिति, मानव तस्करी विरोधी यूनिट और भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने घर पर रेड की. इस दौरान आरोपी ने घर पर बाहर से ताला लगा रखा था. बच्चे पहली मंजिल पर काम कर रहे थे. बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के सदस्य दूसरे मकान की छत पर जाकर आरोपी के घर में कूदे. इसके बाद बच्चों को रेस्क्यू किया.
9 साल के बच्चे की छाती में दर्द, 11 साल का बच्चा कुपोषित
रेस्क्यू के बाद बच्चों का मेडिकल कराया गया. इनमें से 11 साल का एक बच्चा जांच में कुपोषित निकला. इसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. दूसरे बच्चे ने छाती में दर्द की शिकायत की. पता चला कि आरोपी ने उसे कुछ दिन पहले ही पीटा था, क्योंकि उसने चूड़ी पर सीधे मोती नहीं लगाए थे. आरोपी ने उसे पहले लोहे की रॉड से मारा. फिर छाती पर लात मारी. 9 साल का बच्चा दर्द से चिल्लाता रहा, लेकिन आरोपी शहनवाज नहीं रुका. डॉक्टर ने बच्चे की पसलियों में सूजन बताई है. रेस्क्यू टीम ने सभी बच्चों की उनके परिवार के सदस्यों से बात कराई है.
बिहार से किसी को 500 रुपए एडवांस राशि देकर आया था आरोपी
प्रारम्भिक पूछताछ में बच्चों ने बताया- आरोपी शहनवाज उन्हें बिहार के सीतामढ़ी और मुजफ्फराबाद से लेकर आया है. आरोपी ने उनके माता-पिता को 500 से 1000 रुपए अग्रिम राशि दी है. इसके बाद आरोपी उन्हें जयपुर लेकर आया. 18 घंटे काम लेता है. इन बच्चों के साथ जानवरों से भी बुरा व्यवहार होता है. कई दिनों तक इन बच्चों को नहाने नहीं दिया जाता. बच्चों को बीमारियां हो गई हैं. खाने में सिर्फ खिचड़ी, चाय और बिस्किट दिए जाते हैं.
आरोपी के घर पर लगा था ताला
बचपन बचाओ आंदोलन की कॉडिनेटर पार्वती ने बताया- आरोपी दो-चार की संख्या में बिहार से बच्चे लाता था. कुछ बच्चे एक माह पहले लाए गए. कुछ बच्चे एक साल से आरोपी के पास काम कर रहे हैं. बच्चों ने काउंसलिंग के दौरान खुद के साथ मारपीट, खाना नहीं देने और 18 घंटे काम कराने की बात बताई.
बीमार बच्चे को भी पीटा
कुछ बच्चों ने बताया- उन्हें खाने में केवल खिचड़ी दिया करते थे. एक ही तरह का खाना खाकर वह इतने परेशान हो चुके थे कि जब खाना आता तो वह उसकी खुशबू से उल्टी कर देते थे. आरोपी उतना खाना दिया करता था, जिससे बच्चे केवल जिंदा रह सकें. एक बच्चे ने काउंसलिंग के दौरान बताया- एक दिन वह बीमार हो गया. उसे बुखार था. जब शहनवाज को इसका पता चला तो वह नीचे से लोहे की रॉड लेकर आया. उसे उल्टा लेटा कर जमकर मारा. इसके बाद उसे काम पर लगा दिया.
भट्टा बस्ती सीआई विनोद कुमार ने बताया- बाल मजदूरी की जानकारी मिलने पर पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया. मौके पर आरोपी के चार बच्चे मिले. आरोपी अपनी पत्नी के साथ मौके से फरार है. उसकी तलाश की जा रही है. जल्द उसे गिरफ्तार किया जाएगा. Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
8 एजेंसियों ने की थी रेड
बचपन बचाओ आंदोलन संस्था को इन बच्चों के बारे में जानकारी मिली थी. जिस घर में बच्चों से बाल मजदूरी कराई जाती थी. उस घर में पिछले एक माह से बच्चों की पिटाई और रोने की आवाज आ रही थी. इस पर कॉलोनी के लोगों ने ही बचपन बचाओ आंदोलन को इसकी जानकारी दी. बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के साथ चाइल्डलाइन, प्रयास संस्था, बाल विकास धारा, डीसीपीयू, बाल कल्याण समिति, मानव तस्करी विरोधी यूनिट और भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने घर पर रेड की. इस दौरान आरोपी ने घर पर बाहर से ताला लगा रखा था. बच्चे पहली मंजिल पर काम कर रहे थे. बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के सदस्य दूसरे मकान की छत पर जाकर आरोपी के घर में कूदे. इसके बाद बच्चों को रेस्क्यू किया.
9 साल के बच्चे की छाती में दर्द, 11 साल का बच्चा कुपोषित
रेस्क्यू के बाद बच्चों का मेडिकल कराया गया. इनमें से 11 साल का एक बच्चा जांच में कुपोषित निकला. इसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. दूसरे बच्चे ने छाती में दर्द की शिकायत की. पता चला कि आरोपी ने उसे कुछ दिन पहले ही पीटा था, क्योंकि उसने चूड़ी पर सीधे मोती नहीं लगाए थे. आरोपी ने उसे पहले लोहे की रॉड से मारा. फिर छाती पर लात मारी. 9 साल का बच्चा दर्द से चिल्लाता रहा, लेकिन आरोपी शहनवाज नहीं रुका. डॉक्टर ने बच्चे की पसलियों में सूजन बताई है. रेस्क्यू टीम ने सभी बच्चों की उनके परिवार के सदस्यों से बात कराई है.
बिहार से किसी को 500 रुपए एडवांस राशि देकर आया था आरोपी
प्रारम्भिक पूछताछ में बच्चों ने बताया- आरोपी शहनवाज उन्हें बिहार के सीतामढ़ी और मुजफ्फराबाद से लेकर आया है. आरोपी ने उनके माता-पिता को 500 से 1000 रुपए अग्रिम राशि दी है. इसके बाद आरोपी उन्हें जयपुर लेकर आया. 18 घंटे काम लेता है. इन बच्चों के साथ जानवरों से भी बुरा व्यवहार होता है. कई दिनों तक इन बच्चों को नहाने नहीं दिया जाता. बच्चों को बीमारियां हो गई हैं. खाने में सिर्फ खिचड़ी, चाय और बिस्किट दिए जाते हैं.
आरोपी के घर पर लगा था ताला
बचपन बचाओ आंदोलन की कॉडिनेटर पार्वती ने बताया- आरोपी दो-चार की संख्या में बिहार से बच्चे लाता था. कुछ बच्चे एक माह पहले लाए गए. कुछ बच्चे एक साल से आरोपी के पास काम कर रहे हैं. बच्चों ने काउंसलिंग के दौरान खुद के साथ मारपीट, खाना नहीं देने और 18 घंटे काम कराने की बात बताई.
बीमार बच्चे को भी पीटा
कुछ बच्चों ने बताया- उन्हें खाने में केवल खिचड़ी दिया करते थे. एक ही तरह का खाना खाकर वह इतने परेशान हो चुके थे कि जब खाना आता तो वह उसकी खुशबू से उल्टी कर देते थे. आरोपी उतना खाना दिया करता था, जिससे बच्चे केवल जिंदा रह सकें. एक बच्चे ने काउंसलिंग के दौरान बताया- एक दिन वह बीमार हो गया. उसे बुखार था. जब शहनवाज को इसका पता चला तो वह नीचे से लोहे की रॉड लेकर आया. उसे उल्टा लेटा कर जमकर मारा. इसके बाद उसे काम पर लगा दिया.
भट्टा बस्ती सीआई विनोद कुमार ने बताया- बाल मजदूरी की जानकारी मिलने पर पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया. मौके पर आरोपी के चार बच्चे मिले. आरोपी अपनी पत्नी के साथ मौके से फरार है. उसकी तलाश की जा रही है. जल्द उसे गिरफ्तार किया जाएगा. Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-