प्रदीप द्विवेदी. महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी महागठबंधन में ही दिलचस्प बयानी जंग छिड़ी है, हालांकि विज्ञापन विवाद को ठंडा करने की कोशिश हो रही है लेकिन यह उभर कर आ चुका है कि शिवसेना बीजेपी के रिश्तो में कहीं ना कहीं खटास है?
खबर है कि.... शिवसेना (शिंदे) की ओर से अखबारों में एक नया विज्ञापन जारी कर एक दिन पहले दिए गए विज्ञापन से हुए डैमेज को कंट्रोल करने की कोशिश की गई? लेकिन.... खबरों की माने तो, बीजेपी सांसद अनिल बोंडे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर व्यंग्यबाण चलाते हुए कहां है कि- मेंढक कितना भी बड़ा हो, हाथी नहीं बन सकता!
उनका तो यह भी कहना है कि.... एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं और उन्हें बीजेपी और जनता दोनों से स्वीकृति मिली है, ठाणे पूरे महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हो सकता है कि शिंदे को उनके सलाहकार गलत सलाह दे रहे हों, उद्धव ठाकरे ने पहले मुंबई को महाराष्ट्र माना था, लेकिन अब शिंदे भी इसी तरह की भावना का अनुभव कर रहे हैं?
याद रहे, राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़ा एक विज्ञापन बुधवार को मराठी अखबारों में छपा, जिसमें शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी दिखाई दिए, जबकि.... कुछ अखबारों में मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीरों वाले विज्ञापन प्रकाशित हुए थे, इस एक पेज के विज्ञापन में एक सर्वे के हवाले से मुख्यमंत्री पद के लिए शिंदे को फडणवीस की तुलना में अधिक लोगों की पसंद बताया गया था, इतना ही नहीं, इस विज्ञापन में देवेंद्र फडणवीस और बाल ठाकरे की फोटो नहीं थी?
राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे सरकार, शीर्षक वाले विज्ञापन के बाद बयानी जंग शुरू हो गई, विपक्ष ने तो दावा किया कि.... सत्तारूढ़ भाजपा और शिंदे शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं है!
देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना और बीजेपी के नेता कैसे कैसे बयान देते हैं और कैसे डैमेज कंट्रोल होता है?
खबरें तो यह भी है कि.... बुधवार को मराठी दैनिकों में प्रकाशित अखबारों में भी एक सर्वेक्षण के हवाले से दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में 49.3 प्रतिशत मतदाता भाजपा और शिवसेना को पसंद करते हैं। बताया गया है कि 84 प्रतिशत मतदाताओं को लगता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व ने देश को विकास की दृष्टि दी है और 62 प्रतिशत मानते हैं कि ‘डबल इंजन’ की सरकार राज्य में विकास कार्य तेजी से कर रही हैं! पर... डबल इंजन की सरकार के इंजनों की दिशा एक दूसरे के विपरीत नजर आ रही है, इसका क्या?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-