नई दिल्ली. दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने पीपीएसी (पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट) के माध्यम से बिजली की दर बढ़ाने की इजाजत दे दी है, जिससे दिल्ली में 10 प्रतिशत बिजली की दर महंगी होगी. दरअसल, दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों ने पावर परचेज को लेकर DERC में अर्जी लगाई थी, जिसे DERC ने स्वीकार कर लिया. DERC के फैसले से दिल्ली के साउथ, वेस्ट, ट्रांस-यमुना क्षेत्र, पुरानी दिल्ली और नई दिल्ली में रहने वाले बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगेगा. हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि इस बढ़ोतरी का उपभोक्ताओं पर असर नहीं पड़ेगा.
बता दें कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने पावर डिस्कॉम, BYPL, BSES Yamuna और BRPL, BSES Rajdhani की याचिकाएं स्वीकार कर 22 जून के आदेश में दर बढ़ाने की इजाजत दी. इसके बाद BSES के बिजली वितरण इलाकों में बिजली की दरें तकरीबन 10 प्रतिशत तक महंगी होंगी. आदेश के मुताबिक, उपभोक्ताओं को आगामी जुलाई 2023 से मार्च 2024 के लिए BYPL कंज्यूमर को 9.42%, BRPL के कंज्यूमर को 6.39% और NDMC इलाके में रहने वालों को 2% एडिशनल टैरिफ का भुगतान करना होगा.
ये टैरिफ पहले से लागू पावर पर्चेज एग्रीमेंट कॉस्ट के अलावा होंगे, जो DDMC के लिए 28%, ARPBL के लिए 20.69% और BYPL के लिए 22.18% हैं. हालांकि जहां टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड पहले से बिजली वितरित करती है, वहां रहने वाले उपभोक्ताओं को इससे राहत मिलेगी.
बता दें कि दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों ने पिछले महीने DERC को एक पत्र लिखकर तुरंत PPAC में बढ़ोतरी की मांग की थी. बिजली वितरण कंपनियों ने कहा था कि उन्हें अतिरिक्त, BYPL- 45.64% और BRPL- 48.47%, PPAC की जरूरत है. जिस पर DERC ने DISCOMs के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की इजाजत दी.
वहीं DERC द्वारा बिजली वितरण कंपनियों को 10% तक दरें बढ़ाने की मंजूरी देने पर दिल्ली सरकार का बयान उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आया है. दिल्ली सरकार का कहना है कि इस बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट के तहत बिजली की कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं. ठंडी में बिजली सस्ती हो जाती है, जबकि गर्मियों में कीमत थोड़ी बढ़ जाती है.
दिल्ली सरकार का कहना है कि हर तिमाही समीक्षा में पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट के तहत कीमतों में मामूली बढ़ोतरी या घटोतरी होती है. कोयले और गैस की कीमतों पर इनके दाम निर्भर करते हैं. इसलिए हर तिमाही में दरों की समीक्षा की जाती है और फिर कीमतें घटाई और बढ़ाई जाती हैं. दिल्ली सरकार ने साफ किया कि इस बढ़ोतरी का दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. यह एक सामान्य तिमाही समीक्षा प्रक्रिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-