सुकून से भरा है जहां
रितिका आर्य
कक्षा-12
चोरसौ, उत्तराखंड
सुकून से भरा है जहां
गांव है मेरा वहां
पहाड़ियों से ढ़का हुआ
हरियाली से है खिला हुआ
पहाड़ से डटे लोग रहते यहां
जड़ी बूटियों की खोज होती यहां
पहले से चलते आए जो रीति रिवाज
आज भी हैं उनमें प्रकाश
नदी झरनों की आती आवाज यहां
समस्त जीव जंतुओं का है निवास यहां
सुकून से भरा है जहां
गांव है मेरा वहां..
क्यों करते है वो ऐसा?
मनीषा छिम्पा
लूणकरणसर, राजस्थान
क्यों करते है वो ऐसा?
एक नहीं देते पैसा,
लाख बार रुलाते हैं,
काम सारा करवाते हैं,
मज़दूरी भी करवाते हैं,
मगर किसी चीज के लिए
पैसा एक नहीं देते हैं,
ये भी करो, वो भी करो,
बस पूरे दिन काम करो,
किस बात का अभिमान करते हैं,
मानवता को बदनाम करते हैं,
लड़की भी चाहती है जीवन में आगे बढ़ना,
फिर क्यों बोझ समझ कर फेंक देते हैं..
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