नई दिल्ली. तीन दिनों से राजधानी दिल्ली समेत उत्तर और पश्चिम भारत में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में बारिश और वर्षाजनित हादसों में 56 लोगों की मौत हो चुकी है।
बारिश का कहर सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रहा है, वहां 17 लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश में नौ, उत्तराखंड में छह, पंजाब में पांच तथा जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में दो-दो लोगों की मौत हुई हैं। राजधानी दिल्ली में बारिश के कारण सोमवार को सभी स्कूल बंद रहे जबकि हिमाचल प्रदेश में सभी स्कूल सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगे। हिमाचल प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश के करण सोमवार को उच्च न्यायालय सहित राज्य की सभी जिला न्यायपालिका में अवकाश घोषित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां देश के कई हिस्सों में हो रही भारी बरसात के कारण बाढ़ और उससे जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। पंजाब में लगातार तीसरे दिन की बारिश को देखते हुए, राज्य पुलिस ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों के साथ मिलकर राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव और जल निकासी अभियान तेज कर दिया है।
राज्य में विस्तृत बाढ़ रोकथाम तंत्र सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के बाद, डीजीपी और विशेष पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला व्यक्तिगत रूप से राज्य में बाढ़ की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, जबकि सीपी/एसएसपी को फील्ड में रहकर नियमित अंतराल पर अपने-अपने जिलों में स्थिति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी के लिए कहा गया है। यादव ने कहा कि राज्य के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में जल भराव और निकासी के साथ-साथ बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें और एसडीआरएफ की दो इकाइयां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, रूपनगर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, जालंधर, एसबीएस नगर, एसएएस नगर और पठानकोट सहित जिलों में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की 12 टुकड़ियों को भी बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के साथ हमारी टीमें बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए 24 घंटे काम कर रही हैं। बाढ़ से निपटने के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे सक्रिय रूप से काम कर रहा है और संबंधित जिलों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जिलों से प्रति घंटे रिपोर्ट ली जा रही है।
दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने यमुना के बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर सोमवार अधिकारियों के साथ मोटर बोट पर यमुना के विभिन्न हिस्सों में जाकर मुआयना किया और किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए विभागों के राहत तथा बचाव संबंधी तैयारियों का भी निरीक्षण किया। आतिशी ने पत्रकारों से कहा कि पूरे उत्तरी भारत में हो रही भारी बारिश के कारण यमुना में तेजी से पानी बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही हथिनिकुंड बैराज से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कल हथिनिकुंड बैराज से 45,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था जो रात होते-होते तीन लाख क्यूसेक तक पहुँच गया है। ऐसे में बहुत जल्द दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि पल्ला से लेकर जैतपुर तक यमुना के खादर इलाकों में लगातार पैनी नजर बनाकर रखी गई है। विभाग द्वारा यमुना के निचले इलाकों में से लोगों को निकालने के लिए मुनादी की जा रही है। खादर इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यमुना के निचले इलाकों में लगभग 40,000 लोग रहते है।
हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर के नादौन से राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और सभी संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण 17 लोगों की मृत्यु हो गई है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों, बिजली के ट्रांसफार्मरों और विद्युत उप-केंद्रों और जल आपूर्ति परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि जोशीमठ में ग्लेशियर टूट गया है. जिसके चलते जोशीमठ और उसके आसपास के गांवों के डूबने की आशंका है. ग्लेशियर के टूटने से लगातार पानी का बहाव बढ़ता जा रहा है. धौला नदी में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं.
इस आपदा के कारण लोगों का जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है और प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार प्रदेश को लगभग 3000 करोड़ से 4000 करोड़ रुपए तक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने लगातार बारिश से हुए नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में समिति की बैठक बुलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी उपायुक्तों को आगामी 10 दिनों तक सतर्क रहने और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
सुक्खू ने कहा कि मौसम ठीक होने पर हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में फंसे लगभग 300 पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को निकालने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने प्रदेश में फंसे पर्यटकों की राज्यवार सूची तैयार करने के अलावा इन लोगों के ठहरने, भोजन और दवाओं इत्यादि सहित आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में भारी तबाही और जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा है।
हरियाणा समेत देश के उत्तरी राज्यों में गत तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ और अन्य खतरों के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार सुबह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तथा बाद में जिला उपायुक्तों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आपात बैठक की तथा हालात का जायजा लिया। सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस बैठक में खट्टर ने अधिकारियों और जिला उपायुक्तों को जानमाल के किसी भी तरह का नुकसान रोकने के लिये उन्हें आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने राज्य में हालात पर नज़र रखने के लिये अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम भी रद्द कर दिये हैं। खट्टर ने हरियाणा के कुल लोगों के मनाली में फंसे होने की सूचना पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी बातचीत कर यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सभी लोग वहां सुरक्षित हैं तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ मिल कर हालात पर नजर रखने के साथ ही इन्हें वहां से सुरक्षित निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं।
इसी बीच, हरियाणा सरकार ने राज्य के लोगों के लिये भारी बारिश के कारण परामर्श जारी करते हुये इन्हें अगर जरूरत न हो तो घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। माैसम विभाग ने बुधवार तक बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है। भारी बारिश के कारण हालात को देखते हुये तथा जरूरत के अनुसार स्कूल बंद करने के दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-