* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप-8005967540)
गुजराती में एक कहावत है जिसका भावार्थ है... जब तक मूर्ख लोग धरती पर मौजूद हैं तब तक ठग भूखे नहीं मर सकते हैं! ज्यादातर लोग ज्योतिषी और धर्मगुरु के पास चमत्कार की उम्मीद से जाते हैं. जो सच्चे ज्योतिषी-धर्मगुरु होते हैं वे तो सही राह दिखा देते हैं पर अक्सर ऐसे लोग ठगे जाते हैं! साफ बात तो यह है कि ज्योतिष कोई जादू नहीं है. यह तो इंसान के जीवन की कहानी पढ़ने की एक भाषा है, एक तरीका है. उपरवाले ने जिसे यह भाषा पढ़ने की क्षमता दी है, हस्तरेखाएं पढ़ कर, जन्म कुंडली पढ़ कर, वह किसी व्यक्ति के जीवन में घटित होनेवाली घटनाओं की जानकारी तो दे सकता है लेकिन कहानी को बदल नहीं सकता है. इसलिए ज्योतिषीय उपाय से, पूजा-प्रयोग से चमत्कार की उम्मीद करनेवाले अक्सर ठगे जाते हैं!
ज्योतिषीय उपाय से, पूजा-प्रयोग से और सद्कर्मों से भाग्य को संवारा जा सकता है, बदला नहीं जा सकता है. ज्योतिष की उपयोगिता यही है कि जीवन की दिशा का ज्ञान होता है और इसके सापेक्ष सदिश कर्मों से श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं. यदि किसी को यह जानकारी मिल जाए कि वह दवाई से संबंधित कार्य में सफल होगा तो वह उच्च पढ़ाई करके कामयाब डॉक्टर बन सकता है, कोई डिग्री हासिल करके मेडिकल स्टोर खोल सकता है, अस्पताल में नौकरी कर सकता है और यदि अज्ञानता के अंधेरे में पड़ा रहे तो सड़क के किनारे बैठ कर जड़ी-बूटियां बेचेगा!
इसलिए ज्योतिषी और धर्मगुरु से सही जानकारी प्राप्त कर सद्कर्म करें, कामयाबी आपके कदमों में होगी. केवल ज्योतिषीय उपाय से चमत्कार की उम्मीद रखनेवाले लोग जीवनभर चक्कर ही काटते रहते हैं!
अंधभक्त! बोले तो मूर्ख कैसे प्रभावित होते हैं, इस कॉमेडी से समझा जा सकता है....
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