मई से अब तक एक्शन हो जाना चाहिए था, मणिपुर वीडियो पर सुको ने लगाई केंद्र और राज्य सरकार को फटकार

मई से अब तक एक्शन हो जाना चाहिए था, मणिपुर वीडियो पर सुको ने लगाई केंद्र और राज्य सरकार को फटकार

प्रेषित समय :12:15:48 PM / Thu, Jul 20th, 2023

इम्फाल। मणिपुर के वायरल वीडियो पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने दुख व्यक्त किया है और केंद्र-राज्य सरकार को फटकार लगाई है. मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि यह स्वीकार करने योग्य नहीं है, जो वीडियो सामने आए हैं वह काफी चिंताजनक हैं. CJI ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में मई में ही एक्शन हो जाना चाहिए था, ऐसे मुद्दे नज़रअंदाज नहीं किए जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो देखकर हम बहुत ही चिंतित हैं. मणिपुर का वीडियो आत्मा को झकझोर देने वाला है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार इस पूरी घटना पर तुरंत संज्ञान लेगी क्योंकि हमें मीडिया रिपोर्ट के आधार पर घटना की जानकारी मिली है. इस वीडियो ने हमारी आत्मा को झकझोर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को SG और AG से इस मामले में एक्शन लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि मीडिया में जो दिखा है, उससे हम काफी डिस्टर्ब हैं. ये मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन है, हम केंद्र और राज्य सरकार को तुरंत इस मामले में एक्शन लेने का आदेश देते हैं. बता दें कि सर्वोच्च अदालत अब 28 जुलाई को इस मसले पर सुनवाई करेगी, जिसमें एक्शन की जानकारी ली जाएगी.

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो सामने आया था, इसी दौरान महिलाओं संग यौन शोषण किया गया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसपर कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है, महिलाओं के अधिकारों को लेकर इस तरह की घटना आत्मा को हिलाने वाली है ये संविधान के अधिकारों का हनन है.

बता दें कि यह वीडियो 4 मई का था, जिसमें पुलिस ने काफी वक्त पहले ही एफआईआर कर ली थी. हालांकि, अबतक कोई एक्शन नहीं हुआ था. बुधवार को यह वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ. गुरुवार सुबह इस मामले के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था.

सीजेआई ने आगे कहा, ‘आज के हालात में महिलाओं को उपकरण बनाना स्वीकार्य नहीं है. पुराने समय में जिस तरह महिलाओं को साधन बनाते थे, ऐसा अब नहीं होगा. यह संवैधानिक अधिकारों के हनन का मामला है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित हो. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाए.’ अब इस मामले की सुनवाई 28 जुलाई को होगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-