पल-पल इंडिया (व्हाट्सएप- 8005967540). मणिपुर की हिंसक और भयानक घठनाओं के बावजूद पीएम नरेंद्र मोेदी की खामोशी कई सवालिया निशान लगा रही है?
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि- इस पर पीएम नरेंद्र मोदी तब बोले जब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आई और सबसे दर्दनाक बात यह है कि- मणिपुर पर बोलने के लिए न तो पीएम मोदी के पास ढाई मिनट हैं और न ही संसद में इस पर चर्चा के लिए ढाई घंटे से ज्यादा का समय है?
आज के हालात पर कांग्रेस प्रवक्ता Supriya Shrinate @SupriyaShrinate ने ट्वीट किया....
भारत की सदन है, आपके घर का आंगन नहीं, यहां बहस के नियम और क़ानून होते हैं, 3 महीने से जल रहा है मणिपुर, ऐसे ज्वलंत मुद्दे पर बहस 267 के अन्तर्गत ही होनी चाहिए?
महिला अस्मिता की बात बीजेपी तो क़तई ना करे, मणिपुर पर भी 36 सेकंड तब बोला पीएम ने जब 78 दिन बाद हैवानियत का वीडियो सामने आया!
जलते हुए मणिपुर पर इस देश के उच्चतम न्यायालय ने जो टिप्पणियाँ की हैं, वह चिंतनीय हैं, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि....
मणिपुर में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, राज्य की पुलिस जांच करने में पूर्णतः अक्षम है, उनके नियंत्रण में कुछ भी नहीं है.
जांच बहुत ही सुस्त है, दो महीने बाद दर्ज हुई एफआईआर पर गिरफ्तारी नहीं हुई, लंबे विलंब के बाद बयान दर्ज हुए.
साफ़ है कि मई की शुरुआत से लेकर जुलाई के अंत तक राज्य में कोई कानून था ही नहीं.
राज्य का तंत्र इतना खराब था कि आप एफआईआर भी दर्ज नहीं कर सके.
मुख्य न्यायाधीश की यह टिप्पणियां राज्य प्रायोजित हिंसा की पोल खोलती है.
इन टिप्पणियों से और भी ज्यादा चिंताजनक भारत सरकार के वकील साहब की दलीलें थीं.
ऐसा लग रहा था कि जैसे वो सिर्फ़ कोर्ट को बरगलाने में लगे हुए थे.
भारत सरकार के Solicitor Generalअगर यह बोले कि 6500 से ऊपर एफआईआर में सिर्फ़ 11 गिरफ़्तारियाँ की गई हैं, तो आप समझ सकते हैं, परिस्थितियों कितनी भयावह हैं?
उन्होंने उस पर भी बरगलाया कि 12000 लोग तो बिना किसी मुक़दमे के हिरासत में लिए गये हैं.
और.... सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इतने व्यापक स्तर पर हुई हिंसा और उस पर उच्चतम न्यायालय की इन तल्ख़ टिप्पणियों के बावजूद बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे, पुलिस उन्हीं के अधीन रहेगी जो हिंसा रोकने की बजाय उसको बढ़ावा देने में लगी है.
https://twitter.com/INCIndia/status/1684540932987686912/photo/1
* नाम- नरेंद्र मोदी
* उम्र- 72 साल
* रंग- गेहुँआ
* कपड़े- दिन में चार बार बदलते हैं.
* पहचान- आवश्यक मुद्दों पर चुप्पी और अनावश्यक मुद्दों पर लंबी लंबी फेंकते हुए पाए जाते हैं, कैमरा के शौकीन हैं.
* आख़िरी बार दिल्ली में कोई उद्घाटन करते हुए देखे गये थे, मणिपुर मुद्दे पर कोई सवाल ना कर ले, इस बात के ख़ौफ़ की वजह से पिछले 6 दिन से संसद में नहीं आ रहे हैं!
* जनता की भावुक अपील- प्यारे प्रधानमंत्री जी, संसद में लौट आइये, आपने संविधान की शपथ ली थी. अब तो राहुल गांधी भी संसद में नहीं हैं, घबराइए मत, विपक्षी सांसद बस मणिपुर पर चर्चा ही तो करना चाहते हैं, आपको कोई कुछ नहीं कहेगा!!
INDIAN @_Sweet_Parul_
बचपन में स्कूल जाते समय भी ऐसे ही ले जाते होंगे...!!
https://twitter.com/_Sweet_Parul_/status/1686929659924189185/photo/1
https://twitter.com/_Sweet_Parul_/status/1686990478921879552/photo/1
ऋषिकेश पांडेय @rishikesh1969
और.... ऐसे भी ले जाने पे नहीं गए... वर्ना टेलिप्राम्पटर का सहारा नहीं लेना पड़ता?
https://twitter.com/i/status/1686691980619948032
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अयोध्या: राम मंदिर के उद्घाटन की निकाली गई तारीख, PM मोदी को भेजी गई मुहूर्त की तिथि
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