बेंगलूरु. चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग 27 अगस्त को कराई जाएगी। अहमदाबाद में स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक देसाई ने सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर आगे का प्लान बताया। उन्होंने कहा, ’23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड होने से दो घंटे पहले लैंडर मॉड्यूल की हेल्थ और चांद पर स्थिति के आधार पर हम तय करेंगे कि लैंड करना सही होगा या नहीं। अगर हालात हमारे पक्ष में नहीं लगेंगे, तो हम 27 अगस्त को मॉड्यूल को चांद पर उतारेंगे। कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए और हम 23 अगस्त को मॉड्यूल को लैंड कर सकेंगे।’
चंद्रयान का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार रात 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा हुआ था। इसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है। डीबूस्टिंग में स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को धीमा किया जाता है। बता दें चंद्रयान-3 आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के साउथ पोल कर लैंड करेगा। इसे 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। लैंडिंग होते ही यह 41 दिन में 3.84 लाख किमी का सफर तय कर नया इतिहास लिखेगा।
लैंडर के चांद पर उतरते ही रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर इससे चांद की सतह पर आएगा। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खीचेंगे और पृथ्वी पर सेंड करेंगे। अगर भारत इस मिशन में सफल रहा तो चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश होगा। लैंडिंग का लाइव इवेंट शाम 5:20 बजे से शुरू होगा। इस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्चुअली जुड़ेंगे। अभी वो साउथ अफ्रीका में हैं इसलिए वर्चुअली शामिल हो रहे हैं।
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