बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से शर्मनाक वाकया सामने आया है. यहां के वारासिवनी के ग्राम बकेरा में एक आदिवासी पिता-पुत्र ने बकरी के मालिक, उपसरपंच, बीडीसी सहित अन्य पर अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि हम पर बकरी चोरी का झूठा आरोप लगाते हुए 6000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. वहीं बकरी मालिक बलिराम भगत और उपसरपंच प्रताप बिसेन ने हमसे अपने पैर तक चटवाए.
पीड़ित परिजनों ने अब वारासिवनी एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ितों के मुताबिक ये घटना 14 अगस्त की है. जब बलिराम भगत बकेरा निवासी की एक बकरी चोरी हो गई. जिसका आरोप बकरी चराने वाले आदिवासी घनश्याम टेकाम और उसके पुत्र राम टेकाम पर लगाया गया.
चोरी की लिखित शिकायत रामपायली थाने में की गई, जिसके पश्चात शाम को गांव में बैठक की गई और पिता-पुत्र पर बकरी चोरी करने को लेकर 6000 रुपये जुर्माना लगाया गया. इसके बाद 17 अगस्त को बकरी मालिक बलिराम भगत और उपसरपंच प्रताप बिसेन ने 17 अगस्त को उन्हें गांव में बुलाया. बकरी मालिक और उपसरंपच ने इन दोनों से जुर्माने की राशि वसूलने के साथ उनके साथ मारपीट और अभद्रता की. इसके बाद दोनों ने पिता-पुत्र से अपने पैर तक चटवाए. इसकी जानकारी जैसी ही लोगों को हुई तो आक्रोश बढ़ गया. 24 अगस्त को वारासिवनी में पीड़ित परिवार ने सामाजिक लोगों के साथ मिलकर रैली निकाल कर इस अमानवीय घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. पीड़ित परिवार एसडीएम कामिनी ठाकुर से मिला और इस मामले में अपनी शिकायत दर्ज कराई.
आदिवासी राम टेकाम की मानें तो वह गांव के ही पास बकरी चराने के लिए गया हुआ था. घर पर गांव के बलीराम भगत आए और कहने लगे कि बकरी चोरी की है. शाम को मीटिंग में जुर्माना वसूला. दूसरे दिन फिर मारपीट कर पैर चटवाया गया. वारासिवनी एसडीएम कामिनी ठाकुर ने कहा कि एक आदिवासी परिवार ने मुझे ज्ञापन सौंपा गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-