Forever यंग दिखना चाहते हैं? 6 तरीकों से स्किन का कोलेजन करें बूस्ट

Forever यंग दिखना चाहते हैं? 6 तरीकों से स्किन का कोलेजन करें बूस्ट

प्रेषित समय :09:59:37 AM / Sun, Sep 3rd, 2023
Reporter : Sushil Vishvakarma

स्किन में कोलेजन की कमी होने पर एजिंग के लक्षण नजर आने लगते हैं. ऐसे में अगर आप उम्र के साथ अपने शरीर में कोलेजन के प्रोडक्‍शन को बढ़ाए रखें तो आप हर उम्र में यूथफुल दिखेंगे.
उम्र जैसे जैसे बढ़ती है हमारे शरीर में कोलेजन का प्रोडक्‍शन घटने लगता है. जिसकी वजह से त्‍वचा ढ़ीली पड़ने लगती है और कनेक्टिव टीश्‍यू का लचीलापन कम होने लगता है. जिसकी वजह रिंकल, लाइन्‍स, ज्‍वाइंट में स्टिफनेस आदि आने लगते हैं. 

हालांकि कुछ लोगों के चेहरे पर एजिंग के लक्षण लंबी उम्र तक नहीं आता. इसकी वजह उनके शरीर में कोलेजन का अधिक प्रोडक्‍शन कहा जा सकता है. अगर आप भी अपनी स्किन को हमेशा यूथफुल बनाना चाहते हैं तो कुछ बातों को ध्‍यान रखें. शोधों में पाया गया है कि अगर आप 90 दिनों तक रोज कोलेजन सेप्‍लीमेंट यानी हाइड्रोलिजेड कोलेजन का सेवन करें तो इसका असर आपके चेहरे पर नजर आने लगेगा.

अगर आप अपने डाइट में विटामिन सी को शामिल करें और स्किन केयर में भी विटामिन सी प्रोडक्‍ट का इस्‍तेमाल करें तो आप स्किन की क्‍वालिटी में सुधार आएगा. यह कोलेजन के प्रोडक्‍शन को बढ़ाने में काफी मदद करता है. इसके लिए आप साइट्रिेक चीजों, हरी सब्जियां आदि को अपने डाइट में शामिल करें.

एक शोध में पाया गया कि आठ सप्‍ताह तक अगर आप एलोवेरा को सही मात्रा में खाएं तो इससे हाथों की स्किन में काफी सुधार देखने को मिला, रिंकल की गहराई कम हुई और कोलेजर लेवल लगभग दोगुना मात्रा में बढ़ गया. इस तरह शोध में पाया गया कि अगर आप रोज एलोवेरा का सेवन करें तो यह आपकी स्किन को यूथफुल बनाने का काम कर सकता है.

एंटीऑक्‍सीडेंट का सेवन आपकी स्किन को फ्रीरेडिकल्‍स के नुकसान से बचाने में मदद करते हैं और स्किन पर एजिंग की रफ्तार को कम किया जा सकता है. इसलिए आप अपने डाइट में उन चीजों को खूब शामिल करें जिनके सेवन से आपके शरीर में एंटीऑक्‍सीडेंट को बढ़ाया जा सके.

इसके अलावा आप अपने डाइट और लाइफस्‍टाइल को हेल्‍दी रखें, स्‍माकिंग और अल्‍कोहल से दूरी बनाएं, कैफीन का कम से कम सेवन करें, धूप में स्किन को प्रोटेक्‍ट करें, सनस्‍क्रीन और स्‍कार्फ आदि का इस्‍तेमाल करें. इस तरह आपके स्किन को नुकसान कम होगा और कोलेजन का प्रोडक्‍शन बार बार प्रभावित नहीं होगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-