भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के चलते कोलेस्ट्रॉल एक बड़ी समस्या बन गया है. हार्ट के लिए दुश्मन का काम करने वाले कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक का रिस्क भी कई गुना बढ़ जाता है. यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रखने के लिए खानपान, दवाओं और भागदौड़ की सलाह देते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि कोलेस्ट्रॉल को सिर्फ बैठकर भी घटाया जा सकता है? इसके लिए आपको रोजाना भागने-दौड़ने की जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि शरीर में दो प्रकार का कोलेस्ट्रॉल होता है, गुड कोलेस्ट्रॉल यानि हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन और बेड कोलेस्ट्रॉल यानि लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन. यह फैट का ही एक रूप मोम जैसा पदार्थ होता है जो नसों में जम जाता है और हार्ट को शरीर के अंगों तक खून पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. इसी वजह से अक्सर हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मामले भी सामने आते हैं. हालांकि बेड कॉलेस्ट्रॉल को आप रोजाना 15 मिनट शांत बैठकर भी घटा सकते हैं.
योग में 8 हस्त मुद्राओं के बारे में बताया गया है. ये इतनी प्रभावशाली हैं कि अगर कोई इनका अभ्यास कर ले तो वह कई बीमारियों को दूर भगा सकता है. कोलेस्ट्रॉल को घटाने के लिए भी ऐसी ही एक मुद्रा है वरुण मुद्रा. वरुण मुद्रा यानि जल मुद्रा हमारे शरीर में पानी की मात्रा को पर्याप्त करती है. यह हमारे शरीर को हाइड्रेट करती है. यह आंखों की सफाई करती है. आंसुओं के माध्यम से गंदगी को बाहर करने में मदद करती है. यह लार यानि सलाइबा बनाने में भी कारगर है. खास बात है कि जल का काम सफाई करना है, ऐसे में जल मुद्रा से शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है. यह ब्लड को साफ करने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल को घटाने और खून की मात्रा को पर्याप्त करने का काम बेहतर तरीके से करती है. इनके अलावा इससे चेहरे पर ग्लो बढ़ता है. आंखों की रोशनी बढ़ती है. शरीर का मोटापा छंटता है, तेज बढ़ता है और कम ही समय में वजन घटने लगता है.
बस कुछ दिन में ही दिखेगा फायदा
इस मुद्रा को रोजाना 10 से 15 मिनट करना चाहिए. अगर और ज्यादा लाभ चाहिए तो सुबह और शाम दोनों वक्त भी कर सकते हैं. ध्यान रहे कि खाने के बाद इसका अभ्यास न करें. खाने के बाद कम से कम 3 से 4 घंटे का गैप जरूर करें.
ऐसे बनाएं वरुण मुद्रा
सबसे पहले हाथ की सबसे छोटी उंगली कनिष्ठा के अग्र भाग को अंगूठे के अग्र भाग से मिला लें और कमर और गर्दन सीधी रखकर इसे किसी भी ध्यानात्मक आसन जैसे वज्रासन, सुखासन, पद्मासन या सिद्धासन में लगाकर बैठ जाएं. हाथों को घुटनों पर रखें और कुछ देर आंखें बंद कर ध्यान करें. इसका चमत्कारिक अनुभव देखने को मिलेगा.
ये लोग न करें इसका अभ्यास
ऐसे व्यक्ति जिनका कफ और पित्त बढ़ा है वे लोग इसका अभ्यास न करें. जल मुद्रा शरीर में सर्दी बढ़ाती है इसलिए पित्त या कफ की स्थिति में यह नुकसानदेह हो सकता है. लेकिन जिनका वात बढ़ा हुआ है वे इसका अभ्यास जरूर करें.