हरतालिका तीज 18 सितंबर को मनाई जाएगी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

हरतालिका तीज 18 सितंबर को मनाई जाएगी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

प्रेषित समय :20:02:25 PM / Sun, Sep 17th, 2023
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हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है, इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं, साथ ही ये व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है, हरतालिका तीज हरियाली और कजरी तीज के बाद मनाई जाती है, इस बार हरतालिका तीज 18 सितंबर सोमवार को मनाई जाएगी. मुख्य रूप से यह पर्व मनचाहे और योग्य पति को प्राप्त करने का है, हालांकि कोई भी स्त्री ये व्रत रख सकती है, इसी दिन हस्तगौरी नामक व्रत को करने का विधान भी है जिसको करने से संपन्नता की प्राप्ति होती है.

हरितालिका तीज शुभ मुहूर्त.

पंचाग के अनुसार 17 सितंबर को 11 बजकर 8 मिनट से तृतीया तिथि शुरू होगी जो अगले दिन यानी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक होगा, ऐसे में उदया तिथि के अनुसार से यह व्रत 18 सितंबर को ही रखा जाएगा,18 सितंबर को सुबह 6 बजे से रात के 8 बजकर 24 मिनट तक का समय शिव और पार्वती की पूजा के लिए उपयुक्त है, लेकिन शाम को प्रदोष काल के समय पूजा करना बेहद अच्छा माना जाता है.
*प्रदोष काल मुहूर्त - शाम 06.23 से 06.47 तक*

*हरितालिका व्रत की पूजन विधि

हरितालिका तीज पर विवाहित और अविवाहित लड़कियां भगवान शिव और मां पार्वती की विधि विधान से पूजा करती हैं, पूजा करने से पहले नहा धोकर व्रत का संकल्प लें और फिर भगवान की चौकी सजाएं, भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को चौकी पर रखें और जल का कलश भी स्थापित करें, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य से भगवान को भोग लगाएं और मिठाई अर्पित करें, सुहाग का सामान माता पार्वती को अर्पित करें और मंगल कामना करें. इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती की विधि विधान से आरती करें.
इस दिन महिलाएं सुहाग के सामान से पूरा श्रृंगार करती हैं, इस दिन हरे रंग का भी महत्व होता है अत: महिलायें हाथों में मेहंदी लगाये और हरे रंग की नयी चूड़ियां पहने.
शाम को भगवान शिव और मां पार्वती की संयुक्त उपासना करें,
उसके बाद मां पार्वती को श्रिंगार का सारा सामान अर्पित करें, उनसे अपनी मनोकामना की पूर्ति की प्रार्थना करें, जो विवाहिता स्त्रियां हैं वह अपनी सास को सौभाग्य की वस्तुएं दें और उसके बाद सास का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए.
शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा करे एवं व्रत कथा पढ्ने के बाद व्रत का पारण करें, इस दिन रात्रि जागरण करना भी श्रेष्ठ होता है.
तीज के दिन विवाह संबंधी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस मंत्र का श्रद्धा पूर्वक 11 माला जाप करें, मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें और संपूर्ण श्रृंगार करके ही करें, शाम को मंत्र जाप करना सर्वोत्तम होगा.
मंत्र- 'हे गौरीशंकर अर्धांगी, यथा त्वां शंकर प्रिया तथा माम कुरु कल्याणी, कान्ताकांता सुदुर्लभाम'.

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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