नई दिल्ली. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत में लगातार इजाफा होता जा रहा है. करीब डाई हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतें 8 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी है. सऊदी अरब और रूस की ओर प्रोडक्शन कट करने का असर साफ देखने को मिल रहा है. वहीं लीबिया में तूफान का असर भी कच्चे तेल की कीमत में साफ देखा जा रहा है. जानकारों की मानें जो अक्टूबर में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने के आसार हैं. जानकारों की मानें तो मौजूदा हालातों को देखकर साफ अंदाजा लगाया जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमतें आने वाले महीनों में कम नहीं होने वाली हैं. अमेरिकी स्ट्रैटिजिक रिजर्व 50 साल के लो पर है. वहीं ओपेक प्लस प्रोडक्शन बढ़ाने को तैयार नहीं है. प्रिडिक्शन यहां तक की जा रही है कि ओपेक प्लस अपने कट को मार्च 2024 तक बढ़ा सकता है. जिसकी के बाद कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो सकती है.
वहीं दूसरी ओर भारत की मुसीबतें अब बढ़नी शुरू हो गई हैं. बीते दो हफ्तों से कच्चे तेल की कीमतें यानी ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा बनी हुई हैं. ऐसे में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के आने वाले दिनों में मुनाफा कम होने के आसार हैं. जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती के आसार कम होते दिखाई दे रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार देश के चारों महानगरों में पेट्रोल और डीजल के दाम में आखिरी बार बदलाव मई 2022 में देखने को मिला था. 21 मई को केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी को कम किया था. अप्रैल 2022 में आखिरी बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में गिरावट देखने को मिली थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में सस्ते पेट्रोल और डीजल की कीमत के लिए आम लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.
94 डॉलर के पार कच्चा तेल
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गई हैं. आंकड़ों पर बात करें तो ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 0.29 फीसदी की तेजी के साथ 94.20 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहे हैं. सितंबर के महीने में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में 8.26 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. वहीं दूसरी ओर डब्ल्यूटीआई की कीमत में 0.41 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है और दाम 91.14 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं. सितंबर के महीने में ही डब्ल्यूटीआई के दाम करीब 9 फीसदी का इजाफा हो चुका है.
वहीं दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. देश के महानगरों में आखिरी पेट्रोल और डीजल की कीमत में 21 मई के दिन बदलाव देखने को मिला था. उस वक्त देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में टैक्स को कम किया था. उसके बाद कुछ प्रदेशों ने वैट को कम या बढ़ाकर कीमतों को प्रभावित करने का प्रयास किया था. दिलचस्प बात ये है कि जब से देश में इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमत में रोज बदलाव होने की शुरुआत हुई है, तब से यह पहला मौका है जब पेट्रोलियम कंपनियों ने रिकॉर्ड टाइमलाइन के दौरान कोई बदलाव नहीं किया है.