चंडीगढ़. पंजाब के भुलथ से कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा को कथित तौर 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग के पुराने मामले में दोबारा अरेस्ट किया है. इससे पहले उन्हें 11 नवंबर 2021 को भी इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जालंधर से गिरफ्तार किया था. उन्हें 78 दिन जेल में रहने के बाद पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव भी जीता था. सुखपाल खैरा 2017 का विधानसभा चुनाव जीत कर आम आदमी पार्टी के विधायक बने थे. बाद में पार्टी से अनबन होने के बाद उन्हें आम आदमी पार्टी ने निष्कासित कर दिया था. उन्होंने पंजाब एकता पार्टी नाम से अपनी पार्टी बनाई, लेकिन 2021 सितंबर में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. आपको बताते हैं कि जिस NDPS और मनी लॉन्ड्रिंग का जिक्र करते हुए खैरा को गिरफ्तार किया गया है वह पूरा मामला क्या है.
1. 2015 में पंजाब के अबोहर में कथित तौर पर ड्रग तस्करी से जुड़े 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. खैरा पर इन लोगों के संपर्क में होने और उनकी मदद करने के आरोप लगे थे. 9 मार्च 2021 में ही इस मामले में उनके चंडीगढ़ स्थित घर पर रेड भी हुई थी.उस दौरान ईडी सूत्रों का दावा किया था कि इस मामले की जांच के दौरान सुखपाल सिंह के लगभग तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग के तथ्य मिले थे.
2. खैरा पर आरोप लगे थे कि उन्होंने ड्रग्स तस्करों की मदद की थी और उन्हें कथित तौर पर फर्जी पासपोर्ट और आर्थिक मदद मुहैया कराई थी और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत पैसा इधर से उधर किया था. पुलिस ने 9 मार्च, 2015 को दो किलो हेरोइन, 24 सोने के बिस्कुट, एक देसी पिस्तौल, दो पाकिस्तानी सिम कार्ड और एक एसयूवी के साथ गिरफ्तार किया था. उन्हें 31 अक्टूबर 2017 को तीन से लेकर 20 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई थी.
3. कोर्ट में मादक पदार्थ मामले में जब 9 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई चल रही थी, उसी दौरान अभियोजन पक्ष ने खेहरा समेत पांच अतिरिक्त आरोपियों को तलब करने के लिए अर्जी दाखिल की थी. 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. शीर्ष अदालत ने 2019 में इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजा था.
4. रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में इस मुद्दे पर अपना फैसला यह कह कर सुरक्षित रखा था कि क्या निचली अदालत के पास अन्य आरोपियों के खिलाफ एक आपराधिक मामले का फैसला करने के बाद अतिरिक्त अभियुक्तों को समन करने की शक्ति है? एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष अदालत में जस्टिस एसए नजीर (अब सेवानिवृत्त), जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनीं थीं.
विधायक सुखपाल खैरा करियर- विधायक सुखपाल सिंह खैरा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता है. साल 2017 में वो आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बाद आप पार्टी ने उन्हें पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया था. लकिन 2018 में नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद 2019 में आप के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. वर्तमान में वो कांग्रेस पार्टी से कपूरथला जिले के भोलाथ विधानसभा से विधायक हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-