नई दिल्ली: मानसिक चिकित्सा सुविधाओं की कमी भी एक बड़ी समस्या है। ऐसे में मेंटल हेल्थ फाउंडेशन (इंडिया) की ओर से एम्स के डाक्टरों के संग मिलकर एक वेब पोर्टल जारी किया गया है। इसके माध्यम से लोग खुद अपने मानसिक स्वास्थ्य का ऑनलाइन परीक्षण कर सकते हैं। मंगलवार को एम्स में मानसिक स्वास्थ्य पर आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी शुरुआत की गई। एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डा. नंद कुमार ने कहा कि यह पहल मानसिक बीमारियों से बचाव और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने में मददगार साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से तीन मिनट में अपने मानसिक स्वास्थ्य का परीक्षण किया जा सकता है।
इस पोर्टल पर मानसिक स्वास्थ्य के परीक्षण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक के अनुरूप कुछ सवाल दिए गए हैं। कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल नंबर से इस पोर्टल पर लागिन करके सवालों का जवाब दे सकते हैं। इस जवाब के आधार पर मिले अंक से मानसिक स्वास्थ्य को परखा जा सकता है। यदि अंक मानसिक स्वास्थ्य खराब होने की तरफ इशारा करें तो आनलाइन ही निशुल्क परामर्श भी उपलब्ध होगा, जिसका पालन कर लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर मानसिक परेशानी के इलाज के लिए दवा की जरूरत नहीं होती है।
बगैर दवा के भी जीवनशैली में बदलाव, योग, ध्यान इत्यादि से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। पोर्टल पर मिले परामर्श के बाद भी यदि मानसिक परेशानी दूर नहीं होती तब डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मेंटल हेल्थ फाउंडेशन (इंडिया), अमेरिका के दीपक चोपड़ा फाउंडेशन और एम्स के बीच एक समझौता हुआ है। इसके तहत आत्महत्या की घटनाओं को कम करने के लिए इस वर्ष के अंत तक एक कार्यक्रम ‘कभी अकेला नहीं’ शुरू होगा।
यदि किसी के मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हों तो समय पर हस्तक्षेप करके 40 सेकेंड में उसके मूड का बदला जा सकता है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाएगा। अमेरिका सहित कई देशों में इस तरह के कार्यक्रम चल रहे हैं। यहां भी देश के लोगों की जरूरत के अनुसार आत्महत्या रोकने के लिए कार्यक्रम चलाया जाएगा।