नई दिल्ली। पाकिस्तान को तहस नहस करने वाले MiG-21 बाइसन फाइटर जेट को वायुसेना से रिटायर कर दिया गया. राजस्थान के बाड़मेर स्थित उतरलाई एयरबेस से उसने आखिरी उड़ान भरी. पाकिस्तान को धूल चटाने वाले इस लड़ाकू विमान ने 60 साल तक भारतीय वायुसेना की सेवा की. करगिल से लेकर बालाकोट तक, हर मोर्चे पर इसने भारतीय वायुसेना का साथ दिया.
मगर अब इसे सुखोई-30 MKI विमान से बदला जा रहा है क्योंकि उतरलाई एयरबेस पर अब मिग से बदले Su-30 MKI स्क्वाड्रन की तैनाती होगी. बता दें कि 57 साल बाद उतरलाई एयरबेस से मिग-21 की विदाई हो रही है. यह लड़ाकू विमान 1966 से यहां सेवा दे रहा था. मिग-21 भारतीय वायुसेना की सेवा में पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था. इसे 1963 में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था.
1963 से लेकर इसने सभी प्रमुख युद्धों में भाग लिया. करगिल से लेकर बालाकोट तक, इसने पाकिस्तान को धूल चटाई. इसी लड़ाकू विमान से अभिनंदन ने पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया था. मिग-21 के विदाई कार्यक्रम में तीन सेनाओं के सैनिक मौजूद रहे. मंगलवार 31 अक्टूबर को उत्तरलाई में एक कार्यक्रम के दौरान मिग-21 और सुखोई-30 MKI दोनों ने एक साथ उड़ान भरी थी. यह मिग-21 की आखिरी उड़ान थी.
बता दें कि हाल के दिनों में मिग-21 लड़ाकू विमान से कई हादसे हुए. इसको लेकर इसकी काफी आलोचना हुई. इसकी सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े होने लगे. ऐसे में एक यह भी कारण रहा होगा भारतीय वायुसेना से इसे हटाने का. पिछले 10 साल में मिग-21 से कई बड़े हादसे हुए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-