अहमदाबाद. गुजरात हाईकोर्ट एक मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पर जमकर बरसा. यहां तक कह दिया कि राज्य के डीएम और पुलिस कमिश्नर खुद को भगवान समझते हैं और किसी राजा- महाराजा की तरह बर्ताव करते हैं. दरअसल, हाईकोर्ट रात में यात्रा कर रहे एक कपल को कथित तौर पर पुलिस द्वारा परेशान करने और 60 रुपये की घूस लेने के मामले का स्वतः: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा था.
हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध मायी की डिवीजन बेंच ने स्टेट पुलिस कंप्लेंट्स अथॉरिटी के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में नाकाम रहने पर राज्य सरकार की तीखी आलोचना की. कोर्ट ने कहा कि आम जनता सीधे पुलिस स्टेशन या डीएम ऑफिस में अपनी शिकायत दर्ज करा सकती. क्योंकि डीएम और कमिश्नर कई बार भगवान या किसी राजा की तरह बर्ताव करते हैं.
क्यों नाराज हुईं चीफ जस्टिस?
हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस ने कहा- कोई आपके ऑफिस के बाहर नहीं खड़ा हो सकता है. क्या आप चाहते हैं कि आम जनता आपके ऑफिस के बाहर लाइन लगाकर खड़ी रहे? उन्हें ऑफिस में आने के लिए कौन इजाजत देगा? आपके डीएम और कमिश्नर तो खुद को भगवान मानते हैं. किसी भगवान या राजा की तरह व्यवहार करते हैं.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया कि राज्य सरकार ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत रिसीव करने के लिए अथॉरिटी का गठन तो कर दिया है लेकिन इसके बारे में कोई जागरूकता नहीं फैलाई. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ अथॉरिटी बना देना काफी नहीं है, जब तक कि आम जनता को यह न बताया जाए कि आखिर जाना कहां है, दफ्तर कहां है और शिकायत किससे करनी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-PM मोदी 2 दिन की यात्रा पर गुजरात पहुंचे, अम्बाजी मंदिर में की पूजा, बनासकांठा में निकाला रोड शो
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