दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है. जब एयर पॉल्यूशन बढ़ता है तो इसका सीधा असर हमारे फेफड़ों पर होता है. इससे आपको सांस से संबंधित कई समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. इन समस्याओं से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. बाहर निकलते वक्त मास्क तो लगाना ही चाहिए इसके साथ ही रोजाना अगर कुछ प्राणायाम किए जाए तो जहरीली हवा के बीच भी फेफड़ों को हेल्दी रखा जा सकता है.
फेफड़ों में अगर थोड़ी सी भी परेशानी हो जाए तो सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, क्योंकि लंग्स और रेस्पिरेटरी सिस्टम के जरिए ही हम कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालते हैं और ऑक्सीजन को अंदर खींचते हैं, लेकिन जब हवा ही प्रदूषित हो तो ऐसे में फेफड़ों को हेल्दी रखना एक चैलेंज है. फिलहाल जान लेते हैं कि कौन से प्राणायाम करना फेफड़ों के लिए फायदेमंद रहता है.
अनुलोम-विलोम
अनुलोम-विलोम का रोजाना अभ्यास करने से फेफड़ों की स्ट्रेंथ के साथ ही कार्यक्षमता में भी सुधार होता है. इस प्राणायाम के माध्यम से ऑक्सीजन को अंदर खींचने के साथ कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाला जाता है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर बनता है. जिन लोगों को सांस से संबंधित कोई समस्या है तो भी यह बेहद फायदेमंद है.
भस्त्रिका प्राणायाम
सबसे पहले पालती मारकर गर्दन और रीढ़ को एकदम सीधा करके सुखासन में बैठ जाएं. अब लंबी सांस अंदर खींचे और भीर तेजी से इसे बार छोड़ दें. इस क्रिया को एक बार में करीब दस बार दोहरा सकते हैं. फायदों की बात करें तो इससे गले संबंधित समस्याओं में आराम मिलता है, श्वसन तंत्र मजबूत बनता है और साथ ही ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है.
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति का रोजाना अभ्यास करना फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद रहता है. इससे डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत बनने से लेकर श्वसन प्रणाली भी स्वस्थ रहती है और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह काफी कारगर प्राणायाम माना गया है. यह प्राणायाम कोलेस्ट्रॉल को कम करके दिल को हेल्दी रखने में हेल्पफुल है.
नाड़ी शोधन प्राणायाम
शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह अच्छा करने के लिए नाड़ी शोधन प्राणायाम बेहद कारगर माना जाता है. यह आपके सांसों की क्रिया को संतुलित करने में सहायक होता है, साथ ही इसे करने से स्ट्रेस लेवल कम होता है और रात को बेहतर नींद आती है.
प्राणायाम के लिए सही समय
किसी भी एक्सरसाइज को करने के लिए सुबह या शाम का वक्त सही रहता है. वहीं अगर आपको प्राणायाम करना है तो प्रातः 5 बजे से लेकर 7 बजे तक का समय सबसे सही माना जाता है, क्योंकि इस वक्त वातावरण काफी शांत होता है और हवा भी साफ रहती है.