मध्य प्रदेश की इन पांच विधानसभा सीटों पर कांटेदार मुकाबले के आसार

मध्य प्रदेश की इन पांच विधानसभा सीटों पर कांटेदार मुकाबले के आसार

प्रेषित समय :12:26:52 PM / Thu, Nov 16th, 2023
Reporter : Sushil Vishvakarma
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मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. सूबे में मुख्य लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. ऐसे में सभी की निगाहें उन  प्रमुख सीटों पर हैं, जिन पर 17 नवंबर को मतदान होने है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पांच ऐसी हाई प्रोफाइल सीटें है. बुधनी विधानसभा सीट पर सीएम शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में है. विदिशा लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली बुधनी विधानसभा सीट से सीएम शिवराज 1990 में पहली बार विधायक चुने गए थे. उसके बाद 2006, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में भी वे इसी सीट से चुनाव जीतते रहे. 2018 में CM शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को 58,999 वोटों से हराया था. शिवराज के सामने कांग्रेस ने रामायण में हनुमान का अभिनय करने वाले टीवी एक्टर विक्रम मस्ताल को चुनावी मैदान में उतारा है. जिससे चुनावी लड़ाई दिलचस्प बन गयी है.

छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ चुनावी मैदान में है. छिंदवाड़ा में कमलनाथ की मजबूत पकड़ है. उन्होंने मई 2019 में उपचुनाव में 25,800 से अधिक मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव जीती थी. उनका दशकों लंबा राजनीतिक करियर छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से उनकी रिकॉर्ड नौ जीत हासिल करने का रहा है.  2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर विवेक बंटी साहू को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मुकाबले चुनाव मैदान में उतारा हैं. कमलनाथ को घेरने के लिए केंद्रीय मंत्री सहित तमाम स्टार प्रचारक को जमीन पर उतार दिया गया है. कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ के प्रचार की कमान उनके सांसद बेटे नकुलनाथ और उनकी पत्नी प्रिया नाथ संभाल रहे हैं, जबकि  कमलनाथ पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाल रहे है.

नरसिंहपुर विधानसभा सीट से ओबीसी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है. इस क्षेत्र को बीजेपी अपने गढ़ को सफलतापूर्वक बनाए रखने में कामयाब रही है. जिसमें प्रह्लाद पटेल के भाई जालम सिंह ने 2013 और 2018 का चुनाव जीता था. ऐसे में प्रह्लाद सिंह की उम्मीदवारी से नरसिंगपुर में बीजेपी की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है. उमा भारती के बाद सबसे बड़े लोधी नेता के रूप में प्रह्लाद सिंह पटेल ने अपने आप को मध्य प्रदेश में स्थापित किया है.

बीजेपी ने वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है, जहां से वर्तमान में कांग्रेस के संजय शुक्ला विधायक है. 2008 और 2013 में बीजेपी की ओर से इस सीट को जीतने के बाद बीजेपी ने सियासी क्षत्रप को चुनावी मैदान में उतारकर इस सीट पर अपना वर्चस्व कायम करने का है. छात्र राजनीति से अपना करियर शुरू करने वाले विजयवर्गीय सबसे पहले पार्षद, फिर महापौर और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं. उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव इंदौर-4 से 1990 में लड़ा था. इसके बाद तीन बार क्षेत्र क्रमांक 2 से इसके बाद दो बार महू से चुनाव लड़े और जीत कर विधानसभा में दस्तक देते रहे. इस तरह वो 6 बार विधायक चुने गए है. ऐसे में इस बार पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारकर चुनावी लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है.

मुरैना जिले की दिमनी सीट से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को खड़ा कर सीट को हाई प्रोफाइल बना दिया. उनकी टक्कर कांग्रेस के मौजूदा विधायक रविंद्र तोमर है. नरेंद्र सिंह तोमर की बात की जाए तो वह मुरैना लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद हैं और और मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री भी हैं. नरेंद्र सिंह तोमर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेहद करीबी माना जाता है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-