भोपाल। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शुक्रवार 17 नवंबर को विधानसभा के लिए मतदान प्रारम्भ हो चुका है. एमपी की 230 और छत्तीसगढ़ की बची हुई 70 सीटों पर वोटिंग प्रक्रिया जारी है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की सभी 230 सीटों पर मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई है। मध्यप्रदेश के इन सीटों पर 2,280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर समेत 2533 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है। पांच करोड़ 60 लाख 58 हजार 521 मतदाता 64,626 मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालेंगे।
कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का तूफान आ रहा है- भारी बहुमत के साथ! घरों से निकल कर, आज बड़ी संख्या में मतदान करें और गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के भरोसे वाली कांग्रेस की सरकार चुनें. बता दें कि भाजपा और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बसपा ने 181, सपा ने 71 और आप ने 66 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में है लेकिन बगावत ने कई स्थानों पर दोनों पार्टियों का समीकरण बिगाड़ दिया है।
कई सीटों पर बागी बाजी पलट सकते हैं। कुछ सीटों पर बसपा, सपा और आम आदमी पार्टी भी दम मार रही है। मोदी के चेहरे के साथ भाजपा राम मंदिर से लेकर लाड़ली बहना की बात कर रही है, वहीं कांग्रेस कमलनाथ को आगे कर भ्रष्टाचार के मुद्दे के साथ मैदान में है। बुधनी, दिमनी , छिंदवाड़ा , नरसिंहपुर , इंदौर 1 , लहार, निवास , जबलपुर पश्चिम और राघौगढ़ समेत प्रदेश की कई सीटों पर कड़ा मुकाबला है, जिसमें शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ समेत कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है। 17 नवंबर को मतदान के बाद ही यह साफ होगा कि मध्यप्रदेश में वोटर भाजपा को फिर मौका देंगे या कांग्रेस पर भरोसा जताएंगे।
इसी तरह छत्तीसगढ़ के 70 सीटों में 34 सीटें वीआईपी हैं। पहले चरण में 7 नवंबर को 20 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में से 10 सीटें वीआईपी थीं। कुल मिलाकर प्रदेश में 44 सीटें हाई प्रोफाइल हैं। इन सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और जेसीसीजे के दिग्गज नेताओं के बीच मुकाबला है ।छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होगा। हालांकि, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के साथ आम आदमी पार्टी भी इस चुनाव ताल ठोकेगी। एक ओर भाजपा सत्ता में वापसी के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है।
कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 90 में से 68 सीटें जीतकर 15 साल बाद राज्य की सत्ता हासिल की है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व में उतरी भाजपा को केवल 15 सीटें हासिल हुई थीं। 2018 के बाद से भाजपा यहां हुए पांच उपचुनाव हार चुकी है। हाल ही में हुए भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव इसका ताजा उदाहरण है। इससे पहले दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही और खैरागढ़ में भी कांग्रेस को जीत मिली थी।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-