#DeepFake साहेब! डीपफेक डर्टी पॉलिटिक्स का सबसे ज्यादा शिकार राहुल गांधी बने हैं?

#DeepFake साहेब! डीपफेक डर्टी पॉलिटिक्स का सबसे ज्यादा शिकार राहुल गांधी बने हैं?

प्रेषित समय :09:04:50 AM / Sat, Nov 18th, 2023
Reporter : Sushil Vishvakarma
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प्रदीप द्विवेदी. डीपफेक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित हैं, क्योंकि.... वे खुद इसका शिकार बने हैं, हालांकि.... यह पहले से चल रही है, केवल ताजा 'उन्नत तकनीक' है, किसी व्यक्ति को पप्पू दिखाने की तकनीक, इसका सबसे ज्यादा शिकार राहुल गांधी हुए हैं, आलू से सोना बनाने का झूठ राहुल गांधी के चेहरे पर लगा दिया गया है और आलू से सोना बनाने की कला का आविष्कार करनेवाले खुद नरेंद्र मोदी इस मुद्दे को उछाल रहे हैं?

दरअसल, डीपफेक ऐसी तकनीक है जिसमें एआई, बोले तो.... आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके किसी भी व्यक्ति के फोटो का इस्तेमाल किसी दूसरे के चेहरे पर किया जा सकता है, मतलब.... चेहरा किसी का, शरीर किसी और का, मजेदार बात यह है कि- यह एकदम ओरिजिनल नजर आता है!

किसी व्यक्ति की इमेज खराब करने की यह डर्टी टेक्नोलॉजी है? 

खबरों की मानें तो.... पीएम मोदी ने डीपफेक वीडियो पर चिंता जताते हुए इसे खतरनाक बताया, अपने डीपफेक वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि- मैं एक वीडियो देख रहा था, जिसमें मैं गरबा खेल रहा हूं, जबकि मैंने स्कूल के बाद कभी गरबा नहीं खेला! राहुल गांधी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी पर ही डर्टी पॉलिटिक्स के हमले शुरू हो गए थे.... लाल मिर्च, हरी मिर्च जैसे किस्से तब चर्चाओं में थे?

पल-पल इंडिया (3/3/2021) ने डर्टी पॉलिटिक्स पर लिखा था.... बीजेपी प्रवक्ताओं की बदौलत पीएम मोदी भी सियासी धूलंडी का शिकार हो रहे हैं!

लंबे समय से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सियासी धूलंडी का शिकार होते रहे हैं, लेकिन अब बीजेपी प्रवक्ताओं की राहुल गांधी पर अमर्यादित टिप्पणियों की बदौलत पीएम मोदी भी सियासी धूलंडी का शिकार होने लगे हैं.

कुछ समय पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अनजाने लोग भले ही अमर्यादित टिप्पणियां करते रहे हों, लेकिन विपक्ष का कोई नेता उन पर अमर्यादित टिप्पणियां नहीं करता था. लेकिन, अब टीवी न्यूज़ चैनल पर बहस के दौरान बीजेपी प्रवक्ताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की तो, विपक्ष के नेताओं को भी पीएम मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां करने का अवसर मिल गया. एक न्यूज़ चैनल पर बहस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के लिए भाषाई मर्यादा तोड़ी, तो कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी उसी तरह की उपमाओं से पीएम मोदी को अलंकृत कर दिया. नतीजा यह रहा कि न्यूज़ चैनल ने दोनों की आवाज बंद कर दी और सियासी धूलंडी से मुक्ति पाई?

पल-पल इंडिया (5/3/2021).... जोकर बोलने में आनंद आता है, तो आसाराम सुनने की भी आदत डाल लें!

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ लगातार अमर्यादित भाषा के उपयोग का नतीजा यह रहा है कि इस के घेरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आ गए हैं. मजेदार बात यह है कि जिस तरह के तर्क-कुतर्क किए जा रहे हैं, वे इसलिए बेमतलब हैं कि जब सम्मान के राजनीतिक रंगों को छोड़ कर अपमान के सियासी कीचड़ की धूलंडी जोर पकड़ेगी तो, इमेज तो सभी की खराब होगी?
एक- अक्सर कहा जाता है कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, उनके पद के सम्मान का ध्यान रखा जाना चाहिए, परन्तु बड़ा सवाल यह है कि यदि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, तो जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी आदि किस देश के प्रधानमंत्री थे, जिन पर लगातार अमर्यादित टिप्पणियां की गई?

दो- जिन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न मिला है, उनको लेकर अमर्यादित व्यवहार नहीं होना चाहिए, किन्तु स्वयं पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान राजीव गांधी का ज़िक्र किया था, क्यों? सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के सम्मान की रक्षा कौन करेगा? 

तीन- देश के दिवंगत महान नेताओं को लेकर अजीब तरह के सर्वे नहीं होने चाहिए. एक सर्वे होता रहा है कि अब तक का सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री कौन है, इस सर्वे के बाद पीएम मोदी का सम्मान कितना बढ़ा यह तो पता नहीं, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता पर जरूर प्रश्नचिन्ह लग गया. वैसे भी वर्तमान प्रधानमंत्री की प्रशंसा में ज्यादातर सर्वे व्यस्त रहते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी आदि तो निधन के इतने वर्षों बाद भी लोकप्रिय हैं, दस साल बाद ऐसे किसी सर्वे में मोदी कहां होंगे?

हालांकि, टीवी न्यूज चैनल पर बहस में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के आक्रामक विरोध के बाद बहस में थोड़ी भाषाई मर्यादा जरूर झलकने लगी, लेकिन यह कब तक रहेगी, कोई नहीं जानता, क्योंकि जिन्हें अमर्यादित बहस करने की आदत पड़ गई है, उन्हें सुधारना आसान नहीं है.  सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि- मैं तथ्यों आंकड़ों पर डिबेट करती हूं, फिजूल की टिप्पणियां प्रायः अनदेखा कर देती थी, पर अब तर्क, तथ्य से तो बात होगी ही, लेकिन अगर मेरे नेता राहुल गांधी को बीजेपी वालों ने अपशब्द कहे तो उनके नेता नरेन्द्र मोदी को उन्हीं की भाषा में जवाब दूंगी. इज्जत चाहिए तो देना सीखिए!

सियासी सयानों का मानना है कि राहुल गांधी के साथ जितनी सियासी धूलंडी खेलनी थी, खेल लिए, अब उन्हें कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन बीजेपी प्रवक्ताओं के उकसाने के बाद जवाबी भाषाई हमला हुआ, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही इसके सियासी शिकार होंगे? फिर भी, यदि जोकर बोलने में आनंद आता है, तो आसाराम सुनने की भी आदत डाल लें!

https://palpalindia.com/2021/03/06/Delhi-Joker-enjoys-speaking-make-habit-of-listening-Asaram-Supriya-Srinet-Congress-leader-Rahul-Gandhi-indefatigable-language-PM-Modi-Bharat-Ratna-news-in-hindi.html
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-