आपस में बिगड़ रहे हैं संबंध, सुधारने के लिए उठाएं ये ज़रूरी कदम

आपस में बिगड़ रहे हैं संबंध, सुधारने के लिए उठाएं ये ज़रूरी कदम

प्रेषित समय :11:55:25 AM / Sat, Nov 18th, 2023
Reporter : Sushil Vishvakarma
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हम चाहे कितना भी कहें लेकिन इंसान का अकेले रहना बेहद ही मुश्किल है. इसलिए लोग परिवार और रिश्तेदारों के साथ रहते हैं. उनके साथ अपना प्यार, दुख और सुख बांटते है. जहां ये रिश्ते हमें आराम, खुशी और प्यार देते हैं वहीं कईं बार इन रिश्तों में इतनी कड़वाहट और नाराज़गी आ जाती है और स्थिति इतनी बदतर हो जाती है कि उस रिश्ते के साथ रहना नामुमकिन सा लगने लगता है. लेकिन जिस तरह हम हर चीज़ को दूसरा चांस देते है उसी तरह हमें अपने उस रिश्ते को भी दूसरा चांस देना चाहिए. ताकि एक बार फिर से हमारा वो रिश्ता मज़बूत हो सके.

इसके लिए हमें सबसे पहले अपने मन को पूरी तरह से तैयार करना होगा कि हम इस रिश्ते में फिर से वापसी चाहते है इसके लिए हमें सबसे पहले रिश्ते के बिगड़ने के मूल कारणों का पता लगाना होगा इसके बाद ऐसे प्रयास करने होंगे ताकि रिश्तों में पड़ी गांठ फिर से सुलझ सके.

एक्सपर्ट की मानें तो हेल्दी कम्युनिकेशन एक स्वस्थ रिश्ते की कुंजी है. अपनी भावनाओं को शांति से व्यक्त करें, सक्रिय रूप से सुनें, और दोषारोपण करने और गलतियाँ खोजने के बजाय समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करें. अपनी कमजोरियों को साझा करके भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देने पर ध्यान दें. एक साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताएं और नए अनुभवों को अपनी जिंदगी में शामिल करें. चुनौतियों से निपटने के लिए परिवर्तन और अनुकूलनशीलता को अपनाएं और संघर्षों को हल करने के मार्ग के एक हिस्से के रूप में चुनौतियों को स्वीकार करें।

कारणों का पता लगाना- हमें सबसे पहले अपने बिगड़ते रिश्ते के बिगड़ने की वजह का पता लगाना है. पता लगाना है कि क्या कोई बाहरी कारक, कोई खास समस्या, कोई खास रवैया तो इसकी वजह नहीं. वजह का पता लगाते समय हमें पूरी ईमानदारी बरतनी है ताकि हम दोनों पक्षों के बारे में खुलकर सोच सकें ना सिर्फ और सिर्फ खुद को सही सोचकर ही कार्यवाही करें. याद रखें कि मूल कारण की पहचान ही किसी रिश्ते को सुधारने की प्रक्रिया का पहला कदम है.

रिश्ते को सुधारने के लिए ज़रूरी कदम क्या हैं

1. इसमें सबसे पहले है अपने साथी के पक्ष को बिना किसी पूर्वानुमान के सुनना- शायद आधी बात किसी बात को आराम से सुनने और समझने से ही सही हो जाए. बस इसमें ये ज़रूरी है कि वो बात अपने पक्ष को साइड में रखकर सुनी जाए. इस बातचीत में रोप-प्रत्यारोप की कोई गुंजाइश ना हों. बस भावना एक-दूसरे के पक्ष को सुनने और समझने की हो.

2. ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि आप दोनों के बीच कोई तीसरा ऐसा ना हो -जो अपने निजी फायदे के लिए आपकी बात गलत तरीके से दूसरे को और दूसरे की बात आपको गलत तरीके पहुंचा रहा हो. ऐसा व्यक्ति आपके रिश्तों को कभी भी एक-दूसरे के साथ मधुर नहीं होने देगा. इसलिए कोशिश करें अगर ऐसा है तो ऐसे व्यक्ति को फौरन अपने दोनों के बीच से निकाल दें और खुद एक-दूसरे को अपनी बात समझाने की कोशिश करें.

3. विश्वास और धैर्य बनाएं – सकता है कि आपके रिश्ते फिर से मधुर होने में थोड़ा टाइम लगे इसलिए विश्वास और धैर्य को बनाएं रखें. जिस तरह रिश्ते बिगड़ने में समय लगा था उसी तरह रिश्ते सुधरने में भी समय लगेगा. इसलिए रिश्ते सुधारने के लिए अपनी कोशिश पूरी करते रहें और हार ना मानें.

4. फिर से विश्वास जीतें- ये समझें जब किसी रिश्ते में दरार आती है तो सबसे पहले विश्वास डगमगाता है इसलिए अगर अपने रिश्ते को सुधारना है तो विश्वास को फिर से जीतना बेहद ज़रूरी है. इसके लिए अपनी पुरानी गलतियों को मांफी मांगे. उसमें सुधार करें और आगे ऐसी गलतियां ना करने की वादा करें.

5. रिश्ते में बराबरी लाएं- ये किसी भी रिश्ते के लिए बेहद ही अहम है. जितनी रिस्पेक्ट आप दूसरे से चाहते है वैसी ही रिस्पेक्ट आपको दूसरे को देनी होगी. इसलिए ज़रूरी है एक दूसरे के सम्मान को बनाए रखें और दूसरों के सामने में भी एक दूसरे की आलोचना से बचें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-