पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद कांग्रेस पदाधिकारियों ने इस्तीफा देना शुरु कर दिया है, आज जबलपुर में भी दो प्रदेश महामंत्रियों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं दूसरी ओर दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एमपी के कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की समीक्षा बैठक हुई है. जिसमें चुनाव में मिली हार पर आत्ममंथन किया गया.
दिल्ली में हुई बैठक के बाद कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला का कहना था कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी व कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित अन्य नेताओं ने मध्यप्रदेश के नेताओं से चुनाव के नतीजों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की. इस दौरान सभी नेताओं ने अपने-अपने अनुभव साझा किए. हार के कारणों पर खुले मन से चर्चा हुई, कहां कमियां रहीं, इस पर आत्ममंथनए विश्लेषण व चर्चा की गई. उन्होने कहा कि अब पार्टी के संगठन की रचना कैसी हो, कैसे आगे बढ़ा जाए, इसका फैसला पार्टी अध्यक्ष पर छोड़ा है. एमपी के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष से जल्द पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के लिए भी कहा है ताकि विधायक दल की बैठक कर जल्द नेता प्रतिपक्ष तय किया जा सके. वहीं दूसरी ओर हार को लेकर कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों ने इस्तीफा देना शुरु कर दिया है. आज जबलपुर में प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अशोक गुप्ता व पंकज पांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. दोनों महामंत्रियों ने पीसीसी चीफ कमलनाथ को इस्तीफा भेजा है. दोनों नेता जबलपुर में कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रभारी थे. उन्होने कहा कि चुनाव में सामने आए निर्णय क ो सभी को स्वीकार करना होता है. चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा महामंत्री पद से नवाजा गया. मुझे पद की कोई लालसा नहीं है. मैं पिछले 40 सालों व तीन पीढ़ी से कांग्रेसी हूं. उन्होंने कहा कि मैंने इसलिए इस्तीफा दिया कि प्रदेश में नवयुवकों की टीम बनना चाहिए जो आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं. वही दूसरी ओर कांग्रेस की हार पर दिग्विजय के भाई व पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि सर्वे में कांग्रेस जीत रही थी लेकिन भितरघात हार के कारण हार हुई है.
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