प्रदीप द्विवेदी. कभी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस बहुत बड़ी राजनीतिक ताकत थी, लेकिन बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में हिन्दू वोट बीजेपी की ओर, तो मुस्लिम वोट सपा, बसपा की ओर चला गया, नतीजा.... यूपी में कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी बन कर रह गई?
लेकिन.... अब समय बदल रहा है, हिन्दू और मुस्लिम, दोनों का समर्थन फिर से कांग्रेस को मिलता नजर आ रहा है, खासकर बसपा की ताजा सियासी उदासीनता के चलते यूपी की सियासत एक बार फिर करवट ले सकती है?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि बसपा को फिर से सक्रिय नहीं किया गया और बसपा समर्थकों में जोश नहीं जगाया गया, तो बसपा के वोट बैंक में आई दरार बड़ी टूट का कारण बन सकती है?
और.... यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस यूपी में तीसरी बड़ी ताकत बन कर उभरेगी!
इस वक्त यूपी में पहले नंबर पर बीजेपी है, दूसरे नंबर पर सपा, तीसरे नंबर पर बसपा है, तो चौथे नंबर पर कांग्रेस है?
सपा इस वक्त तो इंडिया गठबंधन में है, लेकिन लोकसभा चुनाव के वक्त क्या होगा कोई नहीं जानता, अलबत्ता सपा को यूपी में बड़ी कामयाबी चाहिए तो कांग्रेस को साथ लेना ही होगा, आज के हालात में कांग्रेस कितनी सीटें जीतती है, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है और सपा बगैर कांग्रेस के सियासी किनारे पर डूब जाएगी?
मतलब.... सपा-कांग्रेस गठबंधन नहीं होता है, तो कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं है, लेकिन सपा को बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा!
बसपा का सियासी समीकरण किस कदर गड़बड़ा रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि- बसपा ने अपने लोकसभा सांसद दानिश अली को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है?
उल्लेखनीय है कि दानिश अली पिछले लंबे समय से चर्चा में हैं, संसद में उनके ऊपर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने आपत्तिजनक कमेंट किए थे, जिसके बाद राहुल गांधी उनसे मिलने भी गए, गुजरते समय के साथ दानिश अली बसपा नेतृत्व के सियासी सुझावों को नजरअंदाज करते रहे, तो पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया?
याद रहे, इसी साल अगस्त में ही दानिश अली ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी पटना में भेंट करके फूलों का गुलदस्ता भेंट किया था, संदेश साफ था कि- वे विपक्ष की राजनीति के करीब जाना चाह रहे हैं, जबकि बसपा इंडिया गठबंधन से दूर है और एनडीए के करीब नजर आ रही है?
बसपा समर्थकों की बीजेपी और सपा की ओर जाने में दिलचस्पी नहीं है, इसलिए लगता है कि यदि बसपा अपना वोट बैंक नहीं संभाल पाई, तो उसका मतदाता कांग्रेस की ओर जा सकता है?
सियासी सयानों का मानना है कि यदि समय रहते बसपा ने अपनी सियासी सोच को स्पष्ट नहीं किया और वोट बैंक की सियासी भावनाओं को नहीं समझा, तो उसे बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है!
https://twitter.com/KDanishAli/status/1733464861173219377
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मैं बहन मायावती जी का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूँगा की उन्होंने मुझे @bspindia का टिकट दे कर लोक सभा का सदस्य बनने में मदद की। बहन जी ने मुझे बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया। मुझे सदैव उनका असीम स्नेह और समर्थन मिला। उनका आज का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने अपनी पूरी मेहनत और १/३
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) December 9, 2023