पल-पल इंडिया (व्हाट्सएप- 8005967540). राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जहां कामयाब बीजेपी के लिए मुख्यमंत्री पर सवालिया निशान है, तो कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर का सियासी चर्चाएं जारी हैं. खबरों की मानें तो विधानसभा चुनाव में हार के बाद अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल कलराज मिश्र को रविवार को सौंप दिया था, इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष चुनने की जिम्मेदारी दिल्ली आलाकमान को सौंप दी गई. लिहाजा.... अब यह चर्चा है कि- कौन बनेगा नेता प्रतिपक्ष?
वैसे तो अशोक गहलोत नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं, लेकिन उनके सियासी कद के मद्देनजर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कोइ्र बड़ी भूमिका दी जा सकती है. बतौर नेता प्रतिपक्ष राजस्थान के प्रमुख आदिवासी नेता पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है. महेंद्र मालवीया अब तक कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं, तब भी नहीं जब 2013 में मोदी लहर जोरों पर थी, इस बार उनके गृहजिले बांसवाड़ा में पांच में से चार सीटें कांग्रेस ने जीती हैं.
दक्षिण राजस्थान कांग्रेस का गढ़ रहा है तथा इस क्षेत्र ने दिवंगत मोहनलाल सुखाड़िया, हरिदेव जोशी जैसे प्रभावशाली मुख्यमंत्री दिए हैं, लेकिन इन कुछ वर्षों में यहा कांग्रेस कमजोर हुई है, इसलिए इस क्षेत्र में फिर से प्रभावी मौजूदगी और कामयाबी के लिए महेंद्रजीत सिंह मालवीया को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट का नाम भी उभर रहा है, लेकिन इसके लिए अशोक गहलोत को राजी करना आसान नहीं है, तो कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अशोक गहलोत के करीबी हैं, लिहाजा सचिन पायलट उनके नाम पर क्या प्रतिक्रिया देंगे, कहा नहीं जा सकता है. नाम तो कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल का भी चर्चाओं में है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान उनके नाम पर शायद ही राजी हो? देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान किस पर भरोसा करता है और यह जिम्मेदारी किसे दी जाती है?
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