नई दिल्ली. तेलंगाना में पूर्व पशुपालन मंत्री के कार्यालय में तोड़फोड़ और जरूरी दस्तावेजों को नष्ट करने के साथ फाइलों के गायब होने का मामला सामने आया है. मामले की जानकारी के बाद पूर्व मंत्री के स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. सवाल ये कि आखिर फाइलें गायब करने और दस्तावेजों को नष्ट करने का क्या उद्देश्य हो सकता है. क्या किसी घोटाले को छिपाने के मकसद से ये किया गया है? हैदराबाद पुलिस ने शनिवार को कहा कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पूर्व सरकार में पशुपालन मंत्री के कर्मचारियों ने तेलंगाना पशुपालन विभाग के कार्यालय में तोड़फोड़ की है. इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, फाइलें गायब होने की जानकारी सामने आई है, जबकि तोड़फोड़ के दौरान इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के भी नष्ट किए जाने की सूचना है.
हैदराबाद पुलिस ने पूर्व पशुपालन मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव के ओएसडी कल्याण कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उनके अलावा चार अन्य को भी आरोपी बनाया गया है, जिसमें कल्याण कुमार के कंप्यूटर ऑपरेटर एलिजा, मोहन और अटेंडेंट वेंकटेश और प्रशांत शामिल है.
जानकारी के मुताबिक, पूर्व मंत्री के कार्यालय के एक चौकीदार की शिकायत पर घटना की जांच शुरू की गई, जिसने संदिग्ध गतिविधियों को देखा था. पुलिस के मुताबिक, 8 दिसंबर को शाम करीब 7 बजे जब चौकीदार नियमित निरीक्षण कर रहा था, तो ओएसडी कल्याण के कार्यालय कक्ष का ताला खुला होने पर उसे कुछ संदिग्ध लगा. फिर उसने खिड़की से अंदर की ओर देखा कि कई दस्तावेज इधर-उधर बिखरे हुए थे.
कुछ दस्तावेज फर्श पर फेंके हुए थे, इसलिए चौकीदार को संदेह हुआ कि ओएसडी कमरे में आए होंगे और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज ले गए होंगे. पुलिस ने कहा कि चौकीदार ने सत्यापन किया और पता चला कि ओएसडी कल्याण और अन्य लोग कार्यालय आए थे.
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