जूनागढ़. गुजरात में फर्जी अधिकारियों के पकड़े जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. फर्जी सरकारी ऑफिस, फर्जी टोल बूथ, फर्जी पीएमओ-सीएमओ अधिकारी के बाद अब विनीत दवे नाम के फर्जी डीवाईएसपी को अरेस्ट किया गया है. पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी जूनागढ़ में फैमिली कोर्ट का ड्राइवर है.
नौकरी दिलाने के नाम पर 2.11 करोड़ ऐंठे
जूनागढ़ की फैमिली कोर्ट का ड्राइवर और डीवाईएसपी का फर्जी पहचान पत्र रखने वाले विनीत से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए. आरोपी सरकारी नौकरी दिलाने का वादा कर अब तक 17 लोगों से 2.11 करोड़ रुपए ऐंठ चुका हैं. वह लोगों को अपनी पहचान डीएसपी के रूप में देता और सरकारी नौकरियों में लगवाने का लालच देकर पैसे वसूलता था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
पुलिस वालों की फोटो में लगा रखा था अपना चेहरा
जूनागढ़ के एसपी हर्षद मेहता ने बताया कि जूनागढ़ लोकल क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि एक शख्स अपनी पहचान पुलिस बताकर जूनागढ़ में घूम रहा है. इस पर विनीत दवे को एमजी रोड स्थित क्राइम ब्रांच लाया गया. पूछताछ में पता चला कि वह कुछ समय से कोर्ट में गैरहाजिर है. जांच में पता चला कि पुलिस के डुप्लीकेट आईकार्ड में उसने खुद को डीवाईएसपी बता रखा था. पुलिस वालों की कुछ फोटोज एडिट कर उनमें अपना चेहरा लगा रखा था.
फर्जी पीए के मामले में एसपी ने विशेष समिति गठित की
5 दिसंबर को जूनागढ़ साबलपुर चौकड़ी के पास एक व्यक्ति को एमएलए लिखी गाड़ी के साथ पकड़ा गया था. पुलिस की पूछताछ में उसने खुद को राज्य के एक मंत्री का पीए बताया, लेकिन पूछताछ में उसका भांडा फूट गया. जांच में खुलासा हुआ कि वह एमएलए का बोर्ड लगाकर लोगों से पैसे वसूल रहा था. गिरफ्तार शख्स जूनागढ़ जिले के मेंदारडा तालुका के सीमासी गांव का मूलत: निवासी था.
गिरफ्तार फर्जी पीए के से पुलिस ने प्रदेश के मंत्री पुरूषोत्तम सोलंकी का पीए लिखा विजिटिंग कार्ड बरामद किया था. उसने कई जगह कई लोगों से पैसे ठगे थे. फर्जी पीए राजेश जादव के खिलाफ 4 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. जूनागढ़ एसपी ने आगे की जांच के लिए केशोद डीवाईएसपी और माणावदर सीपीआई के साथ विशेष जांच समिति का गठन किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-