#RajasthanNewCM भजनलाल संघ की जमीन पर खड़े ताकतवर नेता हैं! बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को बदला जा सकता है?

#RajasthanNewCM भजनलाल संघ की जमीन पर खड़े ताकतवर नेता हैं! बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को बदला जा सकता है?

प्रेषित समय :20:54:05 PM / Wed, Dec 13th, 2023
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प्रदीप द्विवेदी. राजस्थान में आरएसएस बेहद ताकतवर है, यही वजह है कि अशोक गहलोत सरकार की तमाम जनहित की योजनाएं धरी रह गई और बीजेपी ने राजस्थान में शानदार जीत दर्ज करवाई है.
राजस्थान में जीत के बाद भी बीजेपी के सामने बड़ा सवाल यही था कि वसुंधरा राजे जैसी लोकप्रिय और प्रभाशाली नेता को नजरअंदाज करके किसी और को मुख्यमंत्री कैसे बनाया जाए?
याद रहे, बीजेपी की जो भी ताकत दिखती है, वह असल में संघ की ताकत है, नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी आदि तो समय के सियासी मुखौटे हैं, कभी बलराज मधोक सबसे प्रभावी नेता थे, फिर अटल-आडवाणी आए और जब संघ ने दिशा बदली तो नरेंद्र मोदी सबसे बड़े नेता हो गए, कल कोई और होगा.
संघ की बदौलत ही राजस्थान में बीजेपी ताकतवर बनके खड़ी है और इस बार जो मुख्यमंत्री के लिए भजनलाल शर्मा का नया चेहरा सामने लाया गया है, वह संघ की जमीन पर खड़े ताकतवर नेता हैं.
याद रहे, लंबे समय से मोदी-राज में ब्राह्मणों को नजरअंदाज करने के जो सवालिया निशान लग रहे थे, उसी के मद्देनजर राजस्थान में ब्राह्मण मुख्यमंत्री बनाया गया है.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी, मध्य प्रदेश में ओबीसी यादव और राजस्थान में ब्राह्मण नेता का चुनाव 2024 चुनावों को ध्यान में रखकर जातिगत समीकरण साधने के लिए ही किया है.
लेकिन.... अब राजस्थान क्योंकि ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं, इसलिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को बदला जा सकता है और किरोड़ीलाल मीणा के समर्थकों की नाराजगी के मद्देनजर किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सियासी चर्चाओं के लिए नए और चौंकानेवाले हो सकते हैं, लेकिन उनका संघ का आधार और सियासी सुरक्षा चक्र बहुत मजबूत है, लिहाजा किसी भी बड़े नेता के लिए उनके खिलाफ खुलकर राजनीति करना संभव नहीं है.
राजस्थान में बीजेपी के चार बार महासचिव रह चुके नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा छात्र राजनीति के दौरान एबीवीपी से जुड़े और संघ में सक्रिय हुए.
एबीवीपी ने 1990 में जब कश्मीर मार्च किया था, तब भी भजनलाल ने उसमें हिस्सा लिया था और उधमपुर में करीब सौ कार्यकर्ताओं के साथ वह भी गिरफ़्तार हुए थे.
यही नहीं, राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान 1992 में भी भजनलाल को अयोध्या में गिरफ़्तार किया गया था.
सियासी सयानों का मानना है कि भजनलाल शर्मा को लेकर भले ही मोदी टीम चर्चाओं में हो लेकिन उनका असली आधार संघ ही है, इसलिए उन्हें अस्थिर करना आसान नहीं होगा!
https://twitter.com/i/status/1734574280153731485

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-