त्रिपुरा CM साहा का बड़ा दावा- BJP नेताओं को जिंदा दफनाने के लिए CPM ने खोदे गड्ढे

त्रिपुरा CM साहा का बड़ा दावा- BJP नेताओं को जिंदा दफनाने के लिए CPM ने खोदे गड्ढे

प्रेषित समय :12:01:31 PM / Wed, Dec 13th, 2023
Reporter : Sushil Vishvakarma
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नई दिल्ली. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अभी कुछ महीनों का वक्त है लेकिन अभी से ही सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. नेताओं की ओर से विपक्षी पार्टियों के खिलाफ बयानबाजी जारी है. इस बीच त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने राज्य की विपक्षी पार्टी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पर बड़ा हमला करते हुए हए कहा कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिंदा दफनाने के लिए जमीन पर गड्ढे तक खोद रखे थे.

सीएम माणिक साहा ने प्रदेश के खोवाई जिले में बाजार कॉलोनी में एक कार्यक्रम में कहा कि वामपंथी लोगों की साजिश नाकाम हो गई क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने पांच साल के अंतराल के बाद फिर से यहां पर चुनाव जीत लिया. त्रिपुरा में इस साल फरवरी में विधानसभा चुनाव हुए थे और बीजेपी ने लगातार दूसरी बार चुनाव में जीत हासिल की थी.

सीपीएम पर बड़ा हमला करते हुए मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, ” हमें इस बात की खुफिया जानकारी मिली थी कि बीजेपी के चुनिंदा नेताओं की हत्या के लिए कई जगहों पर कब्र खोदी गई हैं और उन्हें जिंदा दफनाने की योजना बनाई गई थी, क्योंकि उन्हें भरोसा था कि वे फरवरी 2023 में चुनाव जीतने जा रहे हैं. लेकिन यहां के लोगों ने उनकी इस योजना को नाकाम कर दिया क्योंकि बीजेपी ने चुनावी लड़ाई जीत ली. मुख्यमंत्री साहा 12 दिसंबर 1996 को तड़के एनएलएफटी उग्रवादियों के हमले में मारे गए 26 ग्रामीणों को श्रद्धांजलि देने के लिए खोवाई जिले में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. हालांकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बीजेपी की ओर से लगाए गए इन आरोपों को निराधार बताया और कहा कि गैर-बीजेपी दलों के बीच वोट बंट जाने की वजह से बीजेपी को चुनाव में जीत मिली थी.

यह आरोप लगाते हुए कि सीपीएम ने त्रिपुरा में “आतंकवादी रणनीति को बढ़ावा देकर अक्षम्य अपराध” किया है, मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि अब उन्हें कांग्रेस पर खासी दया आ रही है क्योंकि इस पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले वामदल के साथ हाथ मिला लिया था. उन्होंने कहा कि प्रदेश में वाम शासन के दौरान कांग्रेस को खासा नुकसान उठाना पड़ा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-