रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के मनी लॉड्रिंग मामले में छठवी बार जांच अधिकारियों के सामने पेश होने से इनकार के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें हिरासत में लेने के विकल्प पर विचार कर रहा है. भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है. सूत्रों की माने तो हेमन्त सोरेन से पूछताछ जांच के लिए महत्वपूर्ण है. इस बात पर जोर दिया कि समन के खिलाफ उनकी अपील को उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था.
झारखंड के मुख्यमंत्री पर खनन और भूमि घोटाले सहित कई मामलों में भ्रष्टाचार व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं. हाल ही में नेपाल से निर्वासित किए गए एक माओवादी के आरोपों के संबंध में भी उसकी जांच चल रही है कि उसके गिरोह ने सीएम के करीबी व्यक्तियों को संरक्षण राशि का भुगतान किया था. सोरेन ईडी के रांची कार्यालय में उपस्थित होने में विफल रहे. जहां उन्हें भूमि घोटाले की जांच में बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था. जिससे धन-शोधन रोधी एजेंसी के सम्मन का अनुपालन न करने का यह छठी बार है. लगातार इनकार उसे अनिश्चित रूप से हिरासत में लिए जाने के करीब लाता है. वह भी उस वक्त जब अदालत ने समन पर उसकी चुनौती को खारिज करते हुए उसे जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया.
जांच से परिचित एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा उनके पास विकल्प खत्म हो गए हैं. ईडी ने पिछले साल सीएम के करीबी सहयोगियों में से एक पंकज मिश्रा से 20 करोड़ रुपये से अधिक नकद व बैंक खाते जब्त किए थे. मिश्रा के परिसरों की तलाशी में सोरेन द्वारा जारी किए गए चेक और एक एके-47 असॉल्ट राइफल भी बरामद हुई थी. इस साल जनवरी में सीएम के एक अन्य करीबी सहयोगी प्रेम प्रकाश की जमानत याचिका के खिलाफ बहस करते हुए ईडी ने हाईकोर्ट को बताया कि उसकी जांच में अकेले खनन घोटाले में 1000 करोड़ रुपए से अधिक की अपराध की आय का पता चला है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-