जन्म कुंडली के अनुसार जेल किनको हो सकती हैं और बचाब?

जन्म कुंडली के अनुसार जेल किनको हो सकती हैं और बचाब?

प्रेषित समय :21:54:14 PM / Sat, Dec 16th, 2023
Reporter : reporternamegoeshere
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जन्म कुंडली का 12वा भाव जेल(कारावास) का है और लग्न-लग्नेश जातक खुद होता है तो मंगल शनि राहु आपराधिक प्रव्रत्ति के ग्रह होने के कारण यह तीनों ग्रह जेल के कारक ग्रह है..

अब जब लग्नेश या लग्न पीड़ित हो और बारहवे भाव या बारहवे भाव का स्वामी भी कही न कही शनि मंगल या शनि राहु या राहु मंगल से पीड़ित हो तब जेल जाना पड़ता है, 12वे भाव की ऐसी पीड़ित स्थिति में यदि पीड़ित लग्नेश का या लग्न का संबंध 12वे भाव से या 12वे भाव के स्वामी से बन जाये तब बहुत लंबे समय के लिए जेल होती है, जबकि यदि लग्न और लग्नेश बलवान है ,पीड़ित नही या शुभ ग्रहों के प्रभाव में है तब कभी भी ऐसे जातक या जातिका 12वे भाव या इसके स्वामी के पीड़ित होने पर मतलब जेल योग होने पर भी जेल नही जाते या जेल जाने से बच जाते है या थोड़ी स्थिति लग्न और 12वे भाव की पीड़ित हुई और लगनः लग्नेश काफी बलवान और शुभ स्थिति में है तो बहुत जल्द ही ,बहुत कम समय मे जेल से किसी न किसी माध्यम कानूनी रूप से जेल से रिहा हो जाते है क्योंकि लग्न-लग्नेश बलवान है तो यह जातक या जातिका को जेल में रहने ही नही देता, क्योंकि लग्न-लग्नेश का बलवान होना स्वतन्त्र जीवन,अच्छा जीवन आदि देता हैं.छठे भाव और आठवे भाव साथ ही मंगल राहु शनि अपराध के कारक है, छठ भाव छोटे स्तर के अपराध तो आठवे भाव बड़े अपराध करने की प्रवृत्ति जातक/जातिका के अंदर देता है.अब कुछ उदाहरणो से समझते है कब जेल जाना पड़ता हैं, कब जेल जाने से व्यक्ति कानूनी रूप से बचते और कितने समय तक जेल में रहना पड़ सकता है आदि?                                     

उदाहरण_आचार्य आनन्द जालान के अनुसार_सिंह_लग्न1:- सिंह लग्न में 12वे भाव का स्वामी चन्द्रमा और लग्न स्वामी सूर्य बनता हैं, अब सिंह लग्न में यहाँ सूर्य चन्द्रमा एक साथ हो और सूर्य+चन्द्रमा दोनों पर शनि की दृष्टि पड़े और 12वे भाव मे राहु अशुभ होकर बैठा हो या अशुभ होकर 12वे भाव पर राहु की दृष्टि हो तब यहाँ, लग्नेश सूर्य और जेल स्वामी चन्द्रमा दोनों पर छठे भाव स्वामी शनि दृष्टि और 12वे भाव पर अशुभ राहु का प्रभाव होने से यहाँ जेल जाना पड़ेगा और जेल में लंबे समय रहना पड़ेगा, क्योंकि बारहवा भाव और लग्न पीड़ित है..       

उदाहरण_आचार्य आनन्द जालान के अनुसार_तुला_लग्न2:-तुला लग्न में जैसे लग्नेश शुक्र बनता है और बुध बारहवे भाव स्वामी, अब यहाँ शुक्र बलवान होकर बैठा हो ,जैसे शुक्र लग्न में हो, और पीड़ित न हो और अब यहाँ 12वे भाव स्वामी बुध मंगल राहु के साथ पीड़ित होकर 9वे भाव मे ही बैठे, अब 9वे भाव मे 12वे भाव स्वामी बुध मंगल राहु से पीड़ित हो जाएगा और 9वे भाव से राहु ,लग्न में बैठे शुक्र को भी अपनी 5वी दृष्टि से पीड़ित करेगा, अब यहाँ जेल जाने की स्थिति बनेगी..                                                                        

अब यहाँ ग्रहदशाये राहु या मंगल की न आये तो जेल कभी नही होगी क्योंकि लग्नेश लग्न में है लेकिन यदि महादशा राहु मंगल में से किसी की भी यहाँ दशा आ जाती है तो जेल फिर यहाँ होगी क्योंकि दशा अशुभ है.                                          

उदाहरण_आचार्य आनन्द जालान के अनुसार_धनु_लग्न3:- धनु लग्न में जैसे गुरु लग्नेश और मंगल बारहवे भाव का स्वामी बनता है अब यहाँ 12वे भाव स्वामी मंगल राहु के साथ अशुभ होकर बैठे और 12वे भाव पर शनि की भी दृष्टि पड़ जाए और लग्नेश बृहस्पति की स्थिति भी खराब हो जैसे बृहस्पति अस्त होकर अशुभ भाव छठे में बैठे तब यहाँ जेल जाना पड़ेगा, लेकिन अब यही लग्नेश बृहस्पति पूर्ण सुरक्षित हो किसी पाप ग्रह से पीड़ित न हो लग्न भी दूषित न हो तब ऐसे जातक या जातिका जेल नही जाते है किसी न किसी माध्यम से बच जाते है, लेकिन 12वे भाव सहित लग्न लग्नेश पीड़ित है और 12वे भाव की स्थिति के साथ लग्न-लग्नेश जितने ज्यादा पीड़ित होंगे जेल जाने के योग उतनर ज्यादा बनेगे, छठे या आठवे भाव के स्वामियों का प्रभाव लग्न या लग्नेश पर है और 12वा भाव और12वे भाव स्वामी यदि मंगल शनि राहु या इनमे से दो पाप ग्रहों से भी पीड़ित है तब अशुभ शनि मंगल राहु या पीड़ित बारहवे भाव स्वामी या अशुभ/पीड़ित लग्नेश की दशा में जेल जरूर जाना पड़ेगा, लेकिन लग्न और लग्नेश पर शुभ ग्रहों या केंद्र त्रिकोण भाव के स्वामियों के शुभ है तब जेल में ज्यादा दिन जातक या जातिक को नही रहना पड़ता है.इस तरह जेल निर्भर करेगा जेल की स्थिति के में रहने और रिहा के योग कुंडली मे किस स्तर के बने हुए है..                                                                                

नोट:- यदि ग्रहदशाये अनुकूल मिल रही है या निरंतर अनुकूल ग्रहदशाएं मिलती रहे तो जमानत जेल होने पर बहुत जल्दी मिल जाती है.

*ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान, दिल्ली 
Anand Jalan

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-