गलवान को कभी नहीं भूल पाएंगे चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग: पूर्व आर्मी चीफ नरवणे

गलवान को कभी नहीं भूल पाएंगे चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग: पूर्व आर्मी चीफ नरवणे

प्रेषित समय :09:55:35 AM / Mon, Dec 18th, 2023
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी किताब में लद्दाख की उस घटना का जिक्र किया है, जिसमें सेना के 20 जवान मारे गए थे. उन्होंने कहा कि वो समय उनकी करियर के सबसे दुखद दिनों में एक था. पूर्व चीफ ने चीन को लेकर कहा कि शी जिनपिंग 16 जून 2020 की उस तारीख को नहीं भूल पाएंगे, जब दो दशकों में पहली बार चीनी सेना को घातक जवाबी हमले का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने दिखा दिया कि “बस! अब बहुत हो चुका.”

पूर्व आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने कहा कि चीन अपने छोटे पड़ोसियों को डराने-धमकाने के लिए “आक्रामक कूटनीति” और “भड़काऊ” रणनीति अपनाता रहा है और यही वजह थी कि भारतीय सेना ने पिपुल्स लिब्रेशन आर्मी को अपनी ताकत दिखा दी. पूर्व चीफ ने ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ नाम से अपनी आत्मकथा लिखी है और इसमें उन्होंने विस्तार से गलवान घाटी की घटना पर चर्चा की है.

जून 2020 में भारत और चीनी सेना के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी. इस घटना में भारतीय सेना के 20 जवानों की मौत हो गई थी. पूर्व चीफ ने इस घटना पर अपनी किताब में लिखा, “यह मेरे पूरे करियर के सबसे दुखद दिनों में एक था.” नरवणे 31 दिसंबर 2020 से 30 अप्रैल 2022 तक भारतीय थल सेना के प्रमुख थे. नरवणे के कार्यकाल के दरमियान चीन की तरफ से काफी चुनौतियां पैदा की गई. यही वजह रही कि पूर्व चीफ जनरल नरवणे के कार्यकाल का ज्यादातर समय विवादित सीमाओं पर चुनौतियों से निपटने में गुजरा. उन्होंने सीमाई क्षेत्रों में कई बड़े बदलाव किए. सेना के लिए नई रणनीतियां तय की और सीमा सुरक्षा पर और भी ज्यादा जोर दिया गया.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-