नई दिल्ली. रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सभी तैयारियां जोरों पर हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल 15 जनवरी तक तैयारियां पूरी हो जाएंगी. रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, लोकसभा कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को आमंत्रण पत्र भेजा गया है. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा को भी इस कार्यक्रम में हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस नेताओं को यह निमंत्रण दिया गया है लेकिन कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताओं के समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है.
मिल रही जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में अन्य विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजे जाने की संभावना है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए देश के सभी राजनीतिक राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों और पूर्व प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित भेज रहा है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बसपा सुप्रीमो मायावती सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेताओं को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया जाएगा.
BJP के दिग्गज नेता, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. मंदिर ट्रस्ट की ओर से संबंध में जानकारी साझा की गयी है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि आडवाणी और जोशी से अनुरोध किया गया था कि वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम में शामिल न हो. लाल कृष्ण आडवाणी जिनकी उम्र 96 साल और मुरली मनोहर जोशी जो कि 90 वर्ष के हो जाएंगे उनसे उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर अनुरोध किया गया था कि वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न हों. दोनों ने इस अनुरोध को स्वीकार भी कर लिया है.
श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट ने अगले वर्ष 22 जनवरी को दोपहर से 12:45 बजे के बीच राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला को विराजमान करने का निर्णय लिया है. इस दौरान विभिन्न परंपराओं के 150 साधु-संतों और छह दर्शन परंपराओं के शंकराचार्य सहित कुल 13 अखाड़े इस भव्य आयोजन में भाग लेंगे. कार्यक्रम में करीब चार हजार संतों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा 2,200 अन्य अतिथियों को भी निमंत्रण भेजा गया है. काशी विश्वनाथ और वैष्णोदेवी जैसे प्रमुख मंदिरों के प्रमुखों और धार्मिक और संवैधानिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-