चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी और उनकी पत्नी को 3 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने पोनमुडी और उनकी पत्नी पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने पोनमुडी की सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया क्योंकि वर्तमान में उनके पास उच्च शिक्षा विभाग का प्रभार है. निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था. अब उस फैसले को मद्रास हाईकोर्ट ने पलट दिया है. अगर सुप्रीम कोर्ट से इस सजा पर रोक नहीं लगी तो उनका विधायक और मंत्री पद जाएगा.
यह मुद्दा दोनों के खिलाफ सतर्कता निदेशालय ने 2006 से11 के बीच दायर किया था। उनके ऊपर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज था। पोनमुडी खान तब खनिज मंत्री थे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) में यह स्पष्ट किया गया है कि एक सांसद या विधायक को अयोग्यता को आकर्षित करने के लिए कम से कम दो साल की सजा की आवश्यकता होती है, भ्रष्टाचार के मामलों में, उन्हें इस तरह की सजा की तारीख से अयोग्य ठहराया जाएगा। इसके अलावा, दोषी को उसकी रिहाई के बाद से छह साल की और अवधि के लिए अयोग्य ठहराया जाता रहेगा।
पोनमुडी के बरे किए जाने के फैसले को पलटते हुए, न्यायमूर्ति जयचंद्रन ने कहा, 'न्याय की विफलता जो दोषी के बरी होने से उत्पन्न हो सकती है, एक निर्दोष की सजा से कम नहीं है।' दंपति को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार का दोषी ठहराते हुए, न्यायाधीश ने कहा कि दोनों ने आय के अपने ज्ञात स्रोतों के अनुपात में 65% संपत्ति अर्जित की थी।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-