नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती संघ में पिछले कुछ वक्त से जो बवाल चल रहा है, वो अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. हाल ही में भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव संपन्न हुए थे, जिसमें संजय सिंह अध्यक्ष चुने गए थे. लेकिन अब भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कुश्ती संघ की नई बॉडी को ही सस्पेंड कर दिया, सरकार का कहना है कि ये चुनाव नियमों के खिलाफ हैं और पुरानी बॉडी के प्रभाव में दिखाई पड़ते हैं.
खेल मंत्रालय द्वारा जो आदेश जारी किया गया है, उसमें बताया गया है कि नई बॉडी ने जिन प्रतियोगिताओं का ऐलान किया है, वो पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध हुआ है. ऐसे निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा लिए जाते हैं, जिसके समक्ष एजेंडे को विचार के लिए रखा जाना आवश्यक होता है.
सरकार का कहना है कि WFI के संविधान के अनुच्छेद फेडरेशन की सामान्य परिषद और कार्यकारी समिति की बैठकें बुलाना. ऐसा लगता है कि महासचिव ईसी की उक्त बैठक में शामिल नहीं हुए हैं, जो बिना किसी सूचना या कोरम के आयोजित की गई थी. नवनिर्वाचित निकाय खेल संहिता की पूर्णतः अवहेलना करते हुए पूर्व पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में है.
इतना ही नहीं खेल मंत्रालय ने अपने बयान में WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि फेडरेशन का कारोबार पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण वाले परिसर से चलाया जा रहा है. जो कथित परिसर भी है जिसमें खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और वर्तमान में अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है.
बता दें कि भारत का कुश्ती महासंघ पिछले एक साल से विवादों में हैं. कई बड़ी महिला पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, इसी के बाद बवाल शुरू हुआ था. अब कुछ दिन पहले ही कुश्ती संघ में चुनाव हुए थे, जिसमें संजय सिंह को अध्यक्ष चुनाव गया था. संजय सिंह पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खास रहे थे, यानी एक तरह से पुरानी बॉडी के कब्जे में ही WFI अभी भी था. संजय सिंह ने ये चुनाव 40-7 के स्कोर से जीता था और अनीता सिंह श्योराण को मात दी थी.
Source : palpalindia
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