Fake Apps की पहचान ऐसे करें, स्कैम बचने में होगी मदद

Fake Apps की पहचान ऐसे करें, स्कैम बचने में होगी मदद

प्रेषित समय :12:59:39 PM / Tue, Dec 26th, 2023
Reporter : reporternamegoeshere
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लोगों की निजी जानकारी जुटाने और डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के लिए फेक ऐप्स को विकसित किया जाता है. मासूम लोगों को ठगने के लिए साइबर क्रिमिनल्स इनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं. इन्हें बनाया तो सही काम के लिए जाता है, ताकि यूजर्स आसानी से इनपर विश्वास कर लें. हालांकि, बाद में ये ही ऐप्स उनके जी का जंजाल बन जाते हैं. अगर आपके फोन में नकली ऐप इंस्टॉल हो गया तो ये आपकी एक्टिविटी को मॉनिटर करेगा, लगातार एडवर्टाइजमेंट दिखाएगा और आपकी पर्सनल जानकारी चुराएगा. फेक ऐप्स को कई तरह से यूजर्स के बीच पहुंचाया जाता है. कई बार तो इन्हें गूगल प्ले स्टोर जैसे रेपुटेड ऐप स्टोर पर भी अपलोड कर दिया जाता है. शुरुआत में ये ठीक होते हैं लेकिन बाद में साइबर क्रिमिनल्स इनके कोड को बदल देते हैं. इससे ये ऐप खतरनाक हो जाते हैं, और इन्हें इंस्टॉल करना खतरे से खाली नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि इन फेक ऐप को आप कैसे पहचान सकते हैं.

फेक न्यूज ऐसे पहचानें- फेक ऐप के चुंगल में फंसना नुकसानदायक हो सकता है. अगर आप किसी ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं तो पहले उसकी ओरिजिनैलिटी चेक कर लीजिए. इन तरीकों से आप फेक ऐप को पहचान सकते हैं.

रीव्यू चेक करें: अगर किसी ऐप को कम रीव्यू मिले हैं और उसके खिलाफ काफी शिकायत की गई हैं, तो सावधान हो जाएं. इस बात का ध्यान रखें कि केवल पॉजिटिव रीव्यूज वाले ऐप्स भी खतरनाक हो सकते हैं. फेक ऐप डेवलपर्स लोगों का भरोसा जीतने के लिए फेक रीव्यूज का इस्तेमाल करते हैं.

इंफॉर्मेशन में गलतियां: ओरिजनल ऐप डेवलपर्स अपने ऐप के डिस्क्रिप्शन को लेकर काफी सावधानी बरतते हैं. उनके पेज पर आपको ग्रामर या स्पेलिंग आदि की मिस्टेक नहीं मिलेंगी. अगर आपको ऐप डिस्क्रिप्शन पर टाइपो, एरर, ग्रामर या स्पेलिंग मिस्टेक आदि दिखाई देते हैं, तो अलर्ट हो जाएं.

डाउनलोड के नंबर: ओरिजनल ऐप्स को दुनिया भर में डाउनलोड किया जाता है. इनके डाउनलोड की संख्या कई लाख, यहां तक कि करोड़ों में हो सकती है. अगर आपको किसी पॉपुलर ऐप की डाउनलोड संख्या मात्र कुछ हजार नजर आती है तो समझ जाएं कि ये फेक है.

डेवलपर को जानें: गूगल प्ले स्टोर पर गूगल ऐप डेवलपर का नाम और उससे रिलेटेड जानकारी देता है. कई बार साइबर क्रिमिनल्स असली डेवलपर्स के नाम से नकली ऐप अपलोड करते हैं, बस उनकी स्पेलिंग में थोड़ा फेरबदल होता है. इसलिए डेवलपर की डिटेल्स भी जांच लेनी चाहिए.

रिलीज डेट: ऐप को कब रिलीज किया गया? ये चीज भी फेक ऐप को पहचानने में आपकी मदद कर सकती है. अगर ऐप को हाल ही में रिलीज किया गया है, और डाउनलोड की संख्या ज्यादा है, तो ये फेक ऐप हो सकता है. ज्यादा डाउनलोड नंबर वाले ओरिजनल ऐप्स लंबे समय से ऐप स्टोर पर रहते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-