जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जूनियर वर्क मैनेजर (जेडबलूएम) ने 11 साल की बच्ची को घर में काम पर रखा था. मंगलवार को वे बच्ची को भूखा-प्यासा कमरे में बंद कर चले गए. दोपहर 1 एक से शाम के 6 बज गए. अंधेरा हो गया. बच्ची रोने लगी. वह खिड़की से, भूख लगी है, कहकर पुकार रही थी. उसकी आवाज सुनकर अपार्टमेंट के तीसरे फ्लोर पर रहने वाली सुनीता जैन ने रस्सी के सहारे बच्ची तक खाना पहुंचाया. उन्होंने अपार्टमेंट के लोगों को बताया.
लोगों ने चाइल्ड केयर और पुलिस को इसकी जानकारी दी. रांझी पुलिस वहां पहुंची और बच्ची को थाने लाई. यहां परिवार से उसकी बात कराई. बच्ची ने फोन पर पिता से कहा, 'पापा, मुझे यहां से ले चलो, यहां अच्छा नहीं लगता है. आंटी-अंकल अच्छे नहीं है. भूखा रखते हैं. ठंड में बाहर सुलाते हैं.
बच्ची को छत्तीसगढ़ से लाए थे
बच्ची छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की रहने वाली है. आयुध निर्माणी खमरिया में जूनियर वर्क मैनेजर अभय गुप्ता 9 महीने पहले उसे अपने घर लाए थे. जबलपुर में वह रांझी थाने के सामने श्यामलाल जी यादव अपार्टमेंट में दो साल से किराए का फ्लैट लेकर रह रहे हैं. अभय की एक साल की बेटी है, पत्नी उसकी देखभाल में घर के काम नहीं पाती है.
बच्ची के पैरों में छाले, शरीर पर जख्म
अपार्टमेंट में रहने वाले विजय जैन ने बताया, 20 दिसंबर को छत पर घूम रहा था, तब वहां बच्ची भी थी. उसके पैर में चप्पल नहीं थी, छाले पड़ गए थे. शरीर पर कई जख्म थे. ठंड होने के बाद भी शरीर पर गर्म कपड़े नहीं थे. मैंने इस बारे में अभय और पूजा से बात की. तब उन्होंने कहा कि वे बच्ची को अच्छे से रखते हैं. उसके पास चप्पल और गर्म कपड़े भी हैं, लेकिन वह पहनती नहीं है. इस दिन के बाद से उन्होंने बच्ची का छत पर आना बंद करवा दिया.
अपार्टमेंट में रहने वाली सुनीता जैन ने बताया, बच्ची से ये लोग झाड़ू - पोंछा लगवाया करते थे. पहली बार उसे इतनी बुरी हालत में 20 तारीख को देखा तो उन्हें समझाया भी, पर दोनों नहीं समझे. धीरज कुमार दास ने बताया, इतनी ठंड होने के बाद भी ये लोग बच्ची को खुले में सुलाते थे.
बच्ची को अवैध तरीके से रखा गया- पुलिस
अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों की शिकायत पर रांझी पुलिस ने अभय और पूजा को भी थाने बुलाया. अभय का कहना है कि बच्ची के माता-पिता अंबिकापुर छत्तीसगढ़ में उनके घर पर काम करते हैं. सीएसपी विवेक गौतम ने बताया, बच्ची को अभय और पूजा ने अवैध तरीके से घर पर रखा हुआ था. उसे समय पर खाना भी नहीं दिया जाता था. बच्ची ने पूछताछ के दौरान ज्यादा कुछ नहीं बताया है. परिजन को सूचना दे दी गई है. जैसे ही वे जबलपुर आते हैं, उनसे भी बातचीत की जाएगी. पता किया जाएगा कि किन परिस्थितियों में उन्होंने अपनी इतनी छोटी बच्ची को अभय के पास छोड़ा था. अभी उसे वन स्टॉप सेंटर भेजा गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-