#Election2024 जेडीयू की कमान नीतीश कुमार के हाथ में, इसके अर्थ-भावार्थ?

#Election2024 जेडीयू की कमान नीतीश कुमार के हाथ में, इसके अर्थ-भावार्थ?

प्रेषित समय :23:01:03 PM / Fri, Dec 29th, 2023
Reporter : reporternamegoeshere
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अभिमनोज. जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद जेडीयू की कमान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ में आ गई है, इसके क्या अर्थ-भावार्थ हैं?
1- नीतीश कुमार मुख्यमंत्री का पद छोड़ सकते हैं, ऐसी स्थिति में उनके पास पार्टी की कमान होनी चाहिए, ताकि वे अपने सियासी हिसाब से पार्टी कोचला सकें.
2- नीतीश कुमार बिहार की राजनीति से बाहर निकल कर देश की राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं, ताकि इंडिया गठबंधन को पूरा समय दे सकें.
3- नीतीश कुमार के पास दो ही पद हैं- प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति, लेकिन उसके लिए बिहार से बाहर निकलना होगा.
4- मुख्यमंत्री होना नीतीश कुमार के पास अब कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है, उन्हें अब आगे राष्ट्रीय पदों के बारे सोचना होगा.
5- इस वक्त देश में जिस तरह की सियासी उठापटक की राजनीति चल रही है, ऐसे में जेडीयू पर नीतीश कुमार का एकाधिकार होना बहुत जरूरी है, वरना उसकी भी हालत शिवसेना जैसी हो सकती है.
उल्लेखनीय है कि केसी त्यागी ने जेडीयू की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुए फैसले का राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग में अनुमोदन किया गया, जिसके तहत मीटिंग में ललन कुमार के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया, जेडीयू के चीफ नीतीश कुमार होंगे.
खबरें हैं कि.... उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में कुछ राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए हैं, जाति आधारित जनगणना को लेकर देशभर में प्रचार-प्रसार किया जाएगा, नीतीश कुमार जनवरी महीने में जन जागरण के लिए निकलेंगे, जिसकी शुरुआत झारखंड से होगी, इंडिया गठबंधन के घटक दलों के साथ सीटों के तालमेल और अन्य फैसलों के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है.
केसी त्यागी ने बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि- जनता दल यूनाइटेड है, एनडीए में जाने के कयास मत लगाइए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल और जेडीयू के बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं है, बिहार इंडिया गठबंधन के सीट बंटवारे के मामले पर मॉडल बनेगा.
सियासी जानकारों का मानना है कि यदि कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और जेडीयू मिलकर बिहार में लोकसभा चुनाव लड़े तो बीजेपी को तगड़ा सियासी झटका लगेगा, अकेला बिहार बीजेपी को एकल बहुमत से दूर कर देगा!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-