नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन और वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक वाई एस शर्मिला ने आज गुरुवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया. बीते कई दिनों ने कयास लगाए जा रहे थे कि शर्मिला जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं. शर्मिला बुधवार रात कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचीं. कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी थी कि शर्मिला गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी पद की शपथ लेंगी.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए शर्मिला ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी अभी भी हमारे देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और इसने हमेशा भारत की सच्ची संस्कृति को बरकरार रखा है और हमारे राष्ट्र की नींव तैयार की है.' बता दें कि शर्मिला आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं. शर्मिला ने उनके और उनके चाचा व वाईएसआरसीपी के पूर्व सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी के बीच बातचीत विफल होने के बाद यह कदम उठाया है.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जगन मोहन रेड्डी ने सुब्बा रेड्डी को अपना दूत बनाकर शर्मिला रेड्डी के पास यह कहने के लिए भेजा था कि वह YSRCP में शामिल हो जाएं, क्योंकि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो पूरे प्रदेश में उनकी (जगन मोहन रेड्डी) की छवि खराब होगी कि उनकी बहन राज्य में उनके विरोधी दल में शामिल हो गईं.
शर्मिला द्वारा तेलंगाना में अपना संगठन बनाने के बाद जुलाई 2021 में भाई-बहन की जोड़ी ने राजनीतिक रूप से अपने रास्ते अलग कर लिये थे. इससे पहले दोनों ने वाईएसआर की विरासत को आगे ले जाने और वाईएसआर की सत्ता को वापस लाने के लिए YSRCP और YSRTP का गठन किया था. शर्मिला के कांग्रेस में शामिल होने से आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाई-बहनों के बीच द्वंद होने की संभावना है. माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी शर्मिला को आंध्र प्रदेश में एक बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-