नई दिल्ली. कतर ने लाल सागर में हूती आतंकियों के खिलाफ अमेरिकी हमलों के कारण तरलीकृत प्राकृतिक गैस यानी (LNG) के शिपमेंट पर रोक लगा दी है. कतर की उर्जा कंपनी ने कहा कि वह लाल सागर के माध्यम से होने वाले एलएनजी के एक्सपोर्ट को फिलहाल रोक रही है. कतर के इस फैसले से पूरी दुनिया के सामने नेचुरल गैस की कमी का खतरा मंडरा रहा है. यह खतरा भारत के लिए और ज्यादा बढ़ जाता है जब भारत अपनी जरूरत का 42 फीसदी हिस्सा कतर से मंगाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, अन्य कंपनियों की तरह LNG निर्यात करने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी कतर एनर्जी ने रेड सी में अपने कम से कम चार LNG टैंकरों को रोक दिया है. कतर एनर्जी ने अपने सभी टैंकरों के स्टाफ को लाल सागर से यात्रा न करने की सलाह भी जारी की है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि यदि कोई टैंकतर वहां से गुजरने वाला है तो वह जहां है उसी स्थान पर ठहर जाए और जब तक सुरक्षा न पहुंच जाए तब तक वहीं ठहरे रहें. लाल सागर स्वेज नगर के माध्यम से भूमध्य सागर से जुड़ा है.
यह यूरोप और एशिया के बीच सबसे छोटा शिपिंग रूट का निर्माण करता है. यह इलाका यमन और जिुबूती के बीच अल मंडव स्ट्रेट के जरिए अदन की खाड़ी से जुड़ा हुआ है. विश्व जलमार्ग यातायात का 12 फीसदी हिस्सा इसी इलाके से होकर गुजरता है. मध्य पूर्व में बढ़ रहे तनाव के कारण तेल की आपूर्ति में कमी आ सकती है. इस वजह से इनकी कीमतों में वृद्धि की आशंका है.