क्या फिश पेडिक्योर कराना है फायदेमंद? जान लें नुकसान, सेफ्टी टिप्स

क्या फिश पेडिक्योर कराना है फायदेमंद? जान लें नुकसान, सेफ्टी टिप्स

प्रेषित समय :13:11:11 PM / Thu, Jan 25th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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लोग अपने पैरों, नाखूनों को साफ-सुथरा, कोमल बनाए रखने के लिए फिश पेडिक्योर ट्रीटमेंट देश-विदेशों में काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा है. इसे करवाने से पैरों के तलवे, एड़ियों से डेड स्किन सेल्स हटती है, जिससे ये सॉफ्ट और हेल्दी रहते हैं. आखिर क्या है फिश पेडिक्योर, कैसे किया जाता है, क्या ये फायदेमंद है या इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जानते हैं यहां.

फिश पेडिक्योर क्या है?
हेल्थलाइन के अनुसार, फिश पेडिक्योर में छोटी-छोटी मछलियां आपके पैरों की मृत त्वचा कोशिकाओं को खाती हैं. दरअसल, इस प्रॉसेस में आपको अपने पैरों को एक पानी से भरे टब या बेसिन में डालना होता है, जिसमें ढेर सारी मछलियां होती हैं. ये मछली गार्रा रूफा होती है. गार्रा रूफा मछली को डॉक्टर फिश भी कहते हैं. ये मछलियां डेड स्किन सेल्स को तलवों, पैरों की त्वचा, एड़ियों से कुतर-कुतर कर खा जाती हैं. इससे आपको मिलती है बेहद ही साफ-सुथरी, मुलायम एड़ियां.

फिश पेडिक्योर के फायदे
फिश पेडिक्योर धीरे-धीरे इसलिए भी लोकप्रिय हुआ है, क्योंकि ये मछली बिना दर्द के ही पैरों को एक्सफोलिएट करने के साथ ही मुलायम बनाती है. आपके पैर कोमल, साफ-सुथरे नजर आते हैं. काफी हद तक स्किन संबंधित रोग सोरायसिस के इलाज में भी ये कारगर साबित हो सकता है.

फिश पेडिक्योर के नुकसान
हालांकि, कई कारणों से फिश पेडिक्योर रिस्की और असुरक्षित भी है. कई बार इसमें चिन चिन मछली, साइप्रिनियन मैक्रोस्टोमस मछलियों का भी यूज किया जाता है. इन मछलियों के दांत होते हैं. जब ये स्किन को खाती हैं तो खून भी निकल सकता है. कई बार इन मछलियों से इंफेक्शन होने का खतरा भी रहता है. इससे जूनोटिक डिजीज जो एक इंफेक्शन है, हो सकता है. यह जानवरों में होकर इंसानों में फेलता है. दरअसल, बार-बार पेडिक्योर टब को साफ करना संभव नहीं होता है. इससे मछलियां संक्रमित हो सकती हैं. यदि किसी का पेडिक्योर के दौरान ब्लड बेसिन में बह जाता है, तो दूसरे ग्राहकों में भी रक्त-जनित बीमारियों के फैलने का थोड़ा जोखिम होता है.

देश में कई स्पा, मॉल में फिश पेडिक्योर किया जाता है, लेकिन अमेरिका के कई राज्यों, यूरोप, कनाडा के कुछ राज्यों में यह बैन है. इन देशों का मानना है कि पेडिक्योर की इस प्रक्रिया के दौरान इसके लिए इस्तेमाल की जाने वाली मछलियां टॉक्सिक पदार्थों के संपर्क में आ सकती हैं. ये बीमार और संक्रमित हो सकती हैं. कुल मिलाकर, फिश पेडिक्योर के फायदे से ज्यादा इसके नुकसान हैं.