कई लोग यह मानते हैं कि शराब पीने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. डॉक्टर्स की मानें तो शुगर के मरीजों को शराब या बीयर नहीं पीनी चाहिए. किसी भी तरह का अल्कोहल वाली ड्रिंक्स का सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल नहीं हो सकती है. शराब पीने से डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर में अचानक बढ़ोतरी हो सकती है और अल्कोहल का असर खत्म होने पर शुगर लेवल तेजी से गिर सकता है. इसकी वजह से कंडीशन बिगड़ने का खतरा रहता है. ऐसे में शुगर के मरीजों के लिए शराब घातक साबित हो सकती है.
इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को शराब बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए. यह भ्रामक जाानकारी है कि शराब से डायबिटीज कंट्रोल होती है। अल्कोहल ब्लड शुगर पर काफी असर डालता है. जब शुगर के मरीज शराब पीते हैं, तब उनका ब्लड शुगर तेजी से बढ़ जाता है. जब शराब का असर खत्म हो जाता है, तब शुगर लेवल तेजी से गिर जाता है और कई बार हाइपोग्लाइसीमिया की कंडीशन पैदा हो जाती है. इसे लो ब्लड शुगर भी कहा जाता है.
शराब की वजह से ब्लड शुगर लेवल में तेजी से फ्लक्चुएशन होता है, जिससे मरीज की कंडीशन बिगड़ सकती है. इससे बचने के लिए ऐसे मरीजों को शराब से दूर रहना चाहिए. डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है और इसे कंट्रोल करने के लिए दवा के साथ बेहतर लाइफस्टाइल व हेल्दी डाइट जरूरी होती है. इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग भी करनी पड़ती है, वरना इसका गणित बिगड़ सकता है.
हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी कंडीशन होती है, जिसमें डायबिटीज के मरीज का ब्लड शुगर सामान्य से भी काफी कम हो जाता है. ऐसी कंडीशन में शरीर की एनर्जी खत्म होने लगती है. अगर किसी व्यक्ति को ज्यादा देर तक हाइपोग्लाइसीमिया रहे, तो इससे मौत हो सकती है. डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से अपना ब्लड शुगर मॉनिटर करना चाहिए.
आमतौर पर यह सामान्य से बहुत ज्यादा रहता है, लेकिन कई कारणों से यह अचानक से सामान्य से कम भी हो सकता है. ऐसे में किसी भी कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए डॉक्टर से समय समय पर सलाह लेनी चाहिए. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए मरीजों को नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए, हेल्दी और कम शुगर वाली डाइट लेनी चाहिए. समय पर सोना-जागना चाहिए और रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए.