लद्दाख में चरागाह को लेकर स्थानीय चरवाहों की चीनी सैनिकों से झड़प

लद्दाख में चरागाह को लेकर स्थानीय चरवाहों की चीनी सैनिकों से झड़प

प्रेषित समय :10:05:34 AM / Wed, Jan 31st, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कुछ सप्ताह पहले लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा का दौरा किया था. इसके बाद उन्होंने स्थिति को स्थिर लेकिन संवेदनशील बताया था. पांडे के दौरे के कुछ सप्ताह बाद अब एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें भारतीय चरवाहों को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों के साथ चुशुल सेक्टर में तीखी बहस करते हुए दिखाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना 2 जनवरी की है. 

लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-लेह में विपक्ष के नेता और लेह शहर के मौजूदा पार्षद त्सेरिंग नामग्याल ने इस वीडियो को शेयर किया है. उनके अलावा भी कई अन्य लोगों ने वीडियो शेयर किया है. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में छह से आठ पीएलए सैनिक दिख रहे हैं. जो लद्दाख के स्थानीय लोगों यानी चरवाहों से नोकझोंक कर रहे हैं. इस दौरान चरवाहों ने बहादुरी का परिचय दिया और चीनी सैनिकों पर कुछ पत्थर भी फेंके. चरवाहों की चीनी सैनिकों के साथ तीखी बहस हुई और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह क्षेत्र भारत का है और उन्हें वापस जाना चाहिए.

चीनी सैनिकों से लद्दाख के चरवाहों की नोकझोंक की घटना 2 जनवरी की बताई जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताकलुंग इलाके में गश्त बिंदु 36 के पास ये घटना हुई. घटनास्थल चुशुल सेक्टर में पड़ता है. कहा जा रहा है कि लद्दाख के चरवाहों से बहस के बाद चीनी सैनिक वहां से चले गए. 

वहीं, घटना के बाद भारतीय सेना और चीनी सेना ने मुद्दे को भड़कने से पहले हल करने के लिए उसी दिन चुशुल सेक्टर में बैठक भी की. 11 जनवरी को न्योमा ब्लॉक के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, जिग्मेट एंगचुक ने भी स्थिति का आकलन करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया. कहा जा रहा है कि घटना के बाद से, भारतीय सेना ने ग्रामीणों से चीनी सैनिकों के साथ टकराव से बचने के लिए एलएसी के करीब नहीं जाने का अनुरोध किया है.

मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने मंगलवार को दिल्ली में बताया कि ये वीडियो जनवरी के पहले हफ्ते में हुई एक घटना का है. नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि ऐसी घटनाएं आम हैं और जब चरवाहे अचिह्नित सीमा के बारे में अलग-अलग धारणाओं के कारण एलएसी के पार चले जाते हैं. अधिकारियों ने कहा कि ऐसी घटनाओं से स्थापित तंत्र के अनुसार उचित तरीके से निपटा जाता है.

बता दें कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारत और चीन के बीच मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सीमा विवाद चल रहा है. भारतीय और चीनी सैनिक अब तक गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) से पीछे हट चुके हैं. हालांकि, दोनों सेनाओं के पास अभी भी लद्दाख क्षेत्र में हजारों सैनिक तैनात हैं.