नई दिल्ली. फिनटेक कंपनियों का टाइम अभी सही नहीं चल रहा है. पेटीएम के बाद अब भारतपे (BharatPe) के सामने मुसीबत आ गई है. कॉरपोरेट मंत्रालय ने भारतपे को नोटिस जारी किया है. मंत्रालय ने कंपनी कानून की धारा 206 के तहत नोटिस जारी कर भारतपे से अशनीर ग्रोवर मामले में जानकारी मांगी है. कंपनी ने भी कहा है कि वह जांच में सरकार का पूरा साथ देगी.
मनीकंट्रोल के अनुसार, कॉरपोरेट मंत्रालय ने भारतपे को नोटिस जारी कर पूछा है कि अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कोर्ट में दाखिल किए आपराधिक और दीवानी मामलों से जुड़े क्या सबूत हैं. गौरतलब है कि अशनीर ग्रोवर ने ही भारतपे की स्थापना की थी. बाद में अशनीर और उनकी पत्नी के खिलाफ कंपनी के पैसों में हेरफेर करने के आरोप लगे और उन्हें कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया गया.
क्या बोली कंपनी- नोटिस पर भारतपे ने जवाब दिया है कि मंत्रालय ने कंपनी को नोटिस जारी कर अशनीर मामले में ज्यादा जानकारी मांगी है. सरकार ने 2022 में मामले की समीक्षा शुरू की थी और इसी पूछताछ को आगे बढ़ाते हुए अतिरिक्त जानकारियां मांगी है. कंपनी ने कहा कि हम जांच एजेंसियों को हरसंभव मदद करने की कोशिश करेंगे. भारतपे को अशनीर ग्रोवर ने 4 साल पहले शुरू किया था. 2022 की शुरुआत में अशनीर के खिलाफ विवाद शुरू हुआ. उन्होंने कोटक ग्रुप के एक एम्पलॉयी को इसलिए धमकी दी, क्योंकि उसने नायका के आईपीओ को उनेक लिए अलॉट नहीं किया था. विवाद बढ़ने पर ग्रोवर ने भारतपे के प्रबंध निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कंपनी ने अशनीर के खिलाफ वित्तीय हेरफेर को लेकर भी ऑडिट शुरू कर दी.