मछली है सेहत के लिए बेहद फायदेमंद, हार्ट अटैक, स्ट्रोक का जोखिम करे कम, दिमाग रखे स्वस्थ

मछली है सेहत के लिए बेहद फायदेमंद, हार्ट अटैक, स्ट्रोक का जोखिम करे कम, दिमाग रखे स्वस्थ

प्रेषित समय :11:46:16 AM / Sat, Feb 10th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत है, जो आपके शरीर और मस्तिष्क के लिए बेहद ही जरूरी है. इसमें प्रोटीन, आयोडीन, कई तरह के विटामिंस, मिनरल्स मौजूद होते हैं. फैटी फिश जैसे सैल्मन, ट्राउट, टूना जैसी मछलियों में फैट-बेस्ड न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो बेहद ही हेल्दी होते हैं. चलिए जानते हैं मछली खाने से शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं.

मछली हार्ट अटैक का रिस्क करे कम- हेल्थलाइन डॉट कॉम में छपी एक खबर के अनुसार, हार्ट अटैक और स्ट्रोक दुनिया में समय से पहले मौत के दो सबसे आम कारण हैं. मछली दिल को हेल्दी रखने के लिए एक बेहद ही हेल्दी खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है, जिसका सेवन करके आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं. कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग नियमित रूप से मछली खाते हैं, उनमें दिल के दौरे, स्ट्रोक और हृदय रोग से मृत्यु का जोखिम कम होता है.

मछली खाने से दिमाग रहे स्वस्थ- बढ़ती उम्र के साथ ब्रेन मस्तिष्क की कार्यक्षमता अक्सर कम होने लगती है. कई अध्ययनों से ये पता चलता है कि जो लोग अधिक मछली खाते हैं, उनमें मानसिक गिरावट की दर धीमी होती है. यदि आप प्रत्येक सप्ताह मछली का सेवन करते हैं तो मस्तिष्क के उन हिस्सों में ग्रे मैटर अधिक होता है (मस्तिष्क का प्रमुख कार्यात्मक ऊतक) जो भावनाओं और स्मृति को नियंत्रित करता है.

डिप्रेशन से बचाए- आजकल काफी लोग डिप्रेशन से ग्रस्त हो रहे हैं. इसमें लो मूड, उदासी, ऊर्जा की कमी, जीवन के प्रति निराशा, जीने की इच्छा कम होना, गतिविधियों में रुचि ना लेना, अकेले रहना आदि लक्षण नजर आते हैं. जो लोग मछली को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, उनमें स्ट्रेस, डिप्रेशन आदि होने की संभावना काफी हद तक कम हो सकती है. इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड डिप्रेशन के खिलाफ लड़ने का काम करता है.

ऑटोइम्यून डिजीज होने का रिस्क करे कम- टाइप 1 डायबिटीज जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां, तब होती हैं, जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ शरीर के ऊतकों पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है. यदि आप बच्चों को ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली का सेवन कराएं तो काफी हद तक टाइप 1 डायबिटीज होने की संभावना उनमें कम हो सकती है साथ ही वयस्कों में ऑटोइम्यून डिजीज होने का रिस्क भी कम होता है. कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि मछली खाने से रूमटॉइड अर्थराइटिस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस होने का भी जोखिम कम होता है.

मछली खाने से नींद की समस्या होती है दूर- आजकल दुनिया भर में स्लीप डिसऑर्डर की समस्या लोगों में देखी जा रही है. संभवत: ब्लू लाइट का एक्सपोजर इसके लिए जिम्मेदार है. साथ ही विटामिन डी की कमी होने से भी स्लीप क्वालिटी खराब होती है. यदि आप सैल्मन मछली खाना पसंद करते हैं तो आप इसे सप्ताह में तीन बार खाएं नींद न आने की समस्या होगी दूर.