गरीबी और आर्थिक तंगी या आर्थिक रूप से कमजोर रहना यह किसी को पंसद नही होता है आपको यह पता चल जाये आपके जीवन मे धन की स्थिति क्या है भबिष्य में आर्थिक स्थिति कैसी रहनेवाली वाली है क्या अमीर रहेंगे या मिडिल क्लास अमीर रहेगे आदि तब आप अपने भविष्य को लेकर निश्चित रह सकते है.कुंडली का दूसरा भाव धन वृद्धि, धन बचत, धन कितना रहने वाला है इसका हौ तो 11वा भाव कमाई का रास्ता किया होगा कहाँ से आएगा सहन किस रास्ते से बनेगे धनवान आदि इसका है तो गुरु धन वृद्धि का ग्रह है इस कारण इन सबकी अमीर बनने या न बनने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.अब सबसे पहले आपकी कुंडली का दूसरा भाव और दूसरे भाव स्वामी बलवान होकर कुंडली मे बैठा हो साथ ही दूसरे भाव पर अधिक से अधिक कुंडली के शुभ या अनुकूल फल देने वाले ग्रहो का दृष्टि या युति प्रभाव हो या दूसरे भाव स्वामी के साथ शुभ स्थिति में सम्बन्ध हो तब अमीर बनेंगे ही बनेंगे अब ग्यारहवा भाव जो कि धन आने,आमदनी, या जिस भी रास्ते से पैसा आये उसका है तो ग्यारहवा भाव और इसका स्वामी बलवान होने से साथ ही 11वे भाव या 11वे भाव को कुंडली के अनुकूल या लाभकारी ग्रहो से सम्बद्ध पैसा कमाने के रास्ते देगा, जैसे 11वे भाव स्वामी 5वे भाव या 5वे भाव से संबध में है तब शेयर बाजार से ,10वे भाव से 11वे भाव स्वामी सम्बन्ध है तो काम करेंगे या कर रहे है उसी में अच्छी कमाई से अमीर बनेगे आदि.बाकी दूसरे/ग्यारहवे भाव और इनके स्वामियो को जीतने ज्यादा से ज्यादा अनुकूल ग्रहो का सबंध होगा तो इससे अमीर बनने में सहयोग मिलेगा..
अब कुछ उदाहरणो से समझते है कौन लोग अमीर बन पाएंगे या बनेंगे और कब है अमीर बनने का समय??
उदाहरण_ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान के अनुसार_ सिंह लग्न में दूसरे और ग्यारहवें दोनो भावों का स्वामी बुध है इस कारण धन का पक्का ग्रह है अब बुध यहाँ कुंडली के राजयोग सम्बन्धी ग्रहों के साथ सम्बन्ध में है या मंगल के साथ है और दूसरे व ग्यारहवे भाव पर अच्छे ग्रहो की दृष्टि या प्रभाव है तब अमीर बन जाएँगे आर्थिक रूप से भाग्य उन्नति के द्वार निरंतर खुलते रहेंगे..
उदाहरण_अनुसार_ तुला लग्न में दूसरे भाव स्वामी मंगल बलवान है राजयोग में है,दूसरे भाव पर भी कुंडली के लाभकारी जैसे शुक्र बुध चन्द्र सूर्य शनि जैसे ग्रहो का प्रभाव या सम्बन्ध है तब अमीर बनेंगे बाकी ग्यारहवा भाव और ग्यारहवे भाव स्वामी सूर्य बलवान होकर माना 7वे भाव(शादी/विवाह भाव)मे बैठा हो या बैठा है तब शादी के बाद अमीर बनते जाएंगे शादी के बाद पैसा कमाने के बहुत रास्ते बन जाएंगे..
उदाहरण_ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान के अनुसार_ कुंभ लग्न में दूसरे और ग्यारहवे दोनो धन भावों के स्वामी बृहस्पति ग्रह है अब बृहस्पति यहाँ काफी बलवान होकर बैठा है राजयोग में है बलवान होकर साथ ही दूसरे भाव पर लाभकारी शुभ ग्रहों का दृष्टि प्रभाव है या दूसरे भाव मे बैठे हैं ज्यादा से ज्यादा ग्रह तब अमीर बन जाएंगे और अमीर बनेंगे, बाकी अब 11वे भाव स्वामी गुरु चौथे भाव मे हो तब जनता के माध्यम से धनवान अमीर बनेगे या गुरु छठे भाव मे हो तब ब्याज के काम से अमीर बनेगे आदि.
*ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान*, दिल्ली
Anand Jalan