भारत देश में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परंपराएं नजर आती हैं. कई बार तो एक ही क्षेत्र में लोगों के संस्कार और रीति-रिवाज बिलकुल अलग होते हैं. इनमें कुछ रस्में काफी अजीब दिखाई देती हैं. इन अलग-अलग रीति-रिवाजों से समुदायों की अपनी अलग पहचान बनती है. ऐसा ही एक जनजातीय समुदाय ‘थारू’ है. इस जनजाति के लोग हिंदू धर्म को मानते हैं. वे हिंदुओं के सभी त्योहारों को भी मनाते हैं. इनकी शादियों में भी ज्यादा हिंदू परंपराओं को निभाया जाता है.
थारू जनजाति की शादियों में एक रस्म ऐसी है, जो इनको बाकी समुदायों से अलग करती है. थारू जनजाति में नई दुल्हन जब पहली बार रसोई में खाना बनाती है तो पति को हाथ के बजाय पैर से खिसकाकर थाली देती है. इसके बाद दुल्हा थाली को सिर माथे लगाकर खाना खाता है. माना जाता है कि थारू जनजाति राजपूत मूल की थी. लेकिन, कुछ कारणों से वे थार रेगिस्तान को पार करके नेपाल चले गए. आजकल थारू समुदाय के लोग भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पड़ोसी देश नेपाल में रहते हैं.
भारत में बिहार के चंपारन, उत्तराखंड के नैनीताल व ऊधम सिंह नगर और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में थारू समुदाय के लोग खूब पाए जाते हैं. थारू जनजाति उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में उधम सिंह नगर के खटीमा, किच्छा, नानकमत्ता, सितारगंज के 141 गांव में रहने वाली जनजाति है. वहीं, नेपाल की कुल आबादी में 6.6 फीसदी लोग थारू समुदाय के हैं. थारू समुदाय के लोग बिहार और नेपाल की सीमा पर पहाड़ों-नदियों व जंगलों से घिरे इलाकों में रहते हैं. पहाड़ों और जंगलो में बसने वाले थारुओं में वो संस्कृति और संस्कार आज भी देखने को मिलते हैं, जिनके लिए ये जनजाति जानी जाती है. थारू जनजाति की शादियों में तिलक के बाद लड़का कटार और पगड़ी धारण करता है. लड़का जंगल में जाकर दही, अक्षत, सिंदूर से साखू के पेड़ की पूजा करते हैं. फिर साखू की लकड़ी और डाल लेकर आते हैं. उसी साखू की लकड़ी से शादी के दिन लावा भूना जाता है. इनमें सगाई की रस्म को ‘अपना पराया’ कहा जाता है. समुदाय के कुछ लोग सगाई की रस्म को दिखनौरी भी कहते हैं. वहीं, विवाह के करीब 10-15 दिन पहले वर पक्ष के लोग लड़की के घर जाकर शादी की तारीख तय करते हैं. इसे ‘बात कट्टी’ कहा जाता है. वहीं, शादी के बाद गौने की रस्म को थारू जनजाति में ‘चाला’ कहा जाता है. ससुराल में पहली बार खाना बनाने पर दुल्हन पति को पैर से खिसकाकर थाली देती है. फिर दुल्हा खाना खाता है.