pOLED, OLED और AMOLED में क्या है अंतर, कौन होता है स्मार्टफोन के लिए अच्छा

pOLED, OLED और AMOLED में क्या है अंतर, कौन होता है स्मार्टफोन के लिए अच्छा

प्रेषित समय :09:27:26 AM / Fri, Feb 23rd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. जब नया स्मार्टफोन खरीदा जाता है तब डिस्प्ले के बारे में OLED, pOLED और AMOLED जैसे कई शब्द सामने आते हैं. लेकिन, काफी सारे लोगों इनके बीच अंतर नहीं पता होता है. तो आइए जानते हैं इनके बारे में। आपको बता दें कि POLED (प्लास्टिक OLED) और AMOLED (एक्टिव मैट्रिक्स OLED) दोनों ही OLED (ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड) डिस्प्ले के टाइप हैं.

सबसे पहले OLED डिस्प्ले के बारे में बात करें तो OLED डिस्प्ले टेक्नोलॉजी का एक टाइप है जो इलेक्ट्रिक करंट के अप्लाई होने के बाद लाइट प्रोड्यूस होने के लिए ऑर्गेनिक कंपाउंड्स का इस्तेमाल करता है. OLED डिस्प्ले में हर पिक्सल खुद की लाइट एटिट करता है. इससे ट्रेडिशनल LCD डिस्प्ले की तुलना में बेहतर कॉन्ट्रास्ट और एनर्जी एफिशिएंसी मिलती है. इन्हें कर्व्ड या फोल्डेबल डिवाइस के लिए फ्लेक्सिबल तरीके से भी यूज किया जा सकता है.

AMOLED एक स्पेसिफिक टाइप की OLED टेक्नोलॉजी है जो हर इंडिविजुअल पिक्सल पर ज्यादा सटीक कंट्रोल के लिए एक एक्टिव मैट्रिक्स को शामिल करती है. ये स्टैंडर्ड OLED डिस्प्ले की तुलना में बेहतर रिफ्रेश रेट, बेहतर कलर रिप्रोडक्शन और कम पावर कंजप्शन की अनुमति देता है. AMOLED डिस्प्ले का इस्तेमाल आमतौर पर स्मार्टफोन्स, टैबलेट्स और दूसरे पोर्टेबल डिवाइसेज में किया जाता है. क्योंकि, इनमें बैटरी की बचत करते हुए वाइब्रेंट कलर्स और डीप ब्लैक ऑफर करने की कैपेसिटी होती है. फोन डिस्प्ले के लिए AMOLED की तुलना में OLED को ज्यादा बेहतर माना जाता है.

pOLED OLED टेक्नोलॉजी का एक वेरिएशन है जो ग्लास की जगह प्लास्टिक सबस्ट्रेट्स का उपयोग करता है, जिससे डिस्प्ले पतला, हल्का और अधिक टिकाऊ हो जाता है. प्लास्टिक के इस्तेमाल से फ्लेक्सिबिलिटी भी इनमें इनेबल की जा सकती है, जिससे कर्व्ड या रोलेबल डिस्प्ले बनाए जा सकते हैं. pOLED आमतौर पर वियरेबल डिस्प्ले में मौजूद होते हैं. जैसे- स्मार्टवॉच. जहां डिस्प्ले की फ्लेक्सिबिलिटी और ड्यूरेबिलिटी महत्वपूर्ण होती है. AMOLED पैनल प्लास्टिक पैनल यानी pOLED की तुलना में ज्यादा क्लियर होते हैं. लेकिन, ग्लास पैनल की तुलना में प्लास्टिक पैनल की ड्यूरेबिलिटी ज्यादा होती है. ये पतले और सस्ते भी होते हैं. लेकिन, इनमें स्क्रैच भी आसानी से आ जाता है.